जयपुर.हाल ही में एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए अपराध के आंकड़ों को लेकर राजस्थान में सियासत जारी है. सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में लगी हुई है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान पुलिस अकादमी में यह बयान दिया था कि प्रदेश में दर्ज होने वाले महिला अपराधों के आधे से ज्यादा 56% मामले झूठे (CM Ashok Gehlot on NCRB Report 2021) पाए हैं. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी सीएम गहलोत की ओर से दिए बयान पर तंज कसा है. रेखा शर्मा ने ट्वीट कर लिखा है कि सीएम अशोक गहलोत जैसा बयान दे रहे हैं, उसी मानसिकता से उनकी पुलिस भी काम करती है. इसलिए महिलाओं को न्याय नहीं मिलता.
वहीं, राजस्थान पुलिस ने भी अपनी साख बचाने के लिए राजस्थान पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट कर यह जानकारी दी कि बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों के मामले में राजस्थान दूसरे कई राज्यों से काफी सुरक्षित (Rajasthan Police on women crime in rajasthan) है. एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने भी बयान जारी कर राजस्थान को बच्चियों के लिए सुरक्षित स्थान बताते हुए बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराध में राजस्थान के 12वें नंबर होने की बात कही. मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए बयान और एडीजी क्राइम की ओर से दिए गए बयान को लेकर ईटीवी भारत ने जब अपराध के आंकड़ों को खंगाला तो यह तस्वीर सामने आई.
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मुख्यमंत्री के बयान और आंकड़ों में अंतर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बयान में कहा था कि राजस्थान में महिला अपराध के 56 फीसदी मामले झूठे पाए जाते (Gehlot statement on women crime in rajasthan) हैं, लेकिन जब वर्ष 2021 में दिसंबर महीने तक दर्ज हुए महिला अत्याचारों के आंकड़ों का आकलन (women crime in rajasthan) किया गया तो झूठे मामले महज 46 फीसदी पाए गए. राजस्थान में वर्ष 2021 में दिसंबर महीने तक महिला अपराधों की कुल 40,220 मामले दर्ज किए गए. जिसमें से जांच के बाद पुलिस ने 16,783 प्रकरणों को झूठा मानते हुए उसमें एफआर पेश की. दर्ज मामलों के आधार पर चालान का प्रतिशत 46% रहा है.
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वहीं, यदि बात दुष्कर्म के प्रकरण की करें तो वर्ष 2021 में दिसंबर माह तक 6337 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए. जिसमें से जांच के बाद पुलिस ने 2376 मामलों को झूठा पाए जाने पर एफआर पेश की. दुष्कर्म के तकरीबन 44% मामले झूठे पाए गए. पूरे देश में दुष्कर्म के प्रकरणों में राजस्थान पहले नंबर पर है.
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अपनी साख बचाने के लिए बच्चियों के अपराधों का जिक्र कर रही राजस्थान पुलिस- एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा की ओर से दिए गए बयान (Rajasthan Police on women crime in rajasthan) और आंकड़ों की जब जांच की गई तो बच्चियों के खिलाफ दर्ज होने वाले अपराध के प्रकरणों में राजस्थान 12वें पायदान पर मिला. वर्ष 2021 में दिसंबर महीने तक राजस्थान में 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 1452 प्रकरण दर्ज किए गए. वहीं पोक्सो एक्ट की धारा 4 व 6 के तहत एक प्रकरण दर्ज किया गया. इस तरह से नाबालिगों के साथ होने वाले दुष्कर्म के प्रकरणों का आंकड़ा 1453 रहा. नाबालिगों के साथ होने वाले दुष्कर्म के प्रकरणों में राजस्थान 12वें नंबर पर मौजूद है, वहीं पहले नंबर पर मध्य प्रदेश, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर तमिलनाडु शामिल है. राजस्थान पुलिस अपनी साख बचाने के लिए अपने ऑफिशल टि्वटर हैंडल के जरिए भी यह मैसेज सर्कुलेट कर रही है कि राजस्थान बच्चियों के लिए सुरक्षित प्रदेश है.
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राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कसा तंजःसीएम अशोक गहलोत की ओर से एनसीआरबी के आंकड़ों पर दिए बयान में दुष्कर्म के 56 फीसदी मामलों को फर्जी बताया. उनके इस बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि दुष्कर्म के 50 फीसदी केस छूठे हैं. इसी मानसिकता के साथ उनकी पुलिस भी काम करती है. इसलिए राज्य में महिलाओं को न्याय नहीं मिलता है.