जयपुर . एसओजी की ताजा कार्रवाई के बाद नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी और उससे जुड़ा घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, राजस्थान के बाड़मेर जिले से शुरू हुई नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने देखते ही देखते समूचे राजस्थान और इसके बाहर भी अपनी शाखाएं खोली और बड़ी संख्या में लोगों को इससे जोड़ा. इसके बाद करीब दो लाख निवेशकों के 400 करोड़ रुपए का घोटाला किया.
किसी फिल्म जैसी इस कहानी का मुख्य किरदार या कहें सूत्रधार बाड़मेर जिले के जयसिंदर गांव का रहने वाला गिरधर सिंह सोढा है. जिसने साल 2010 में बाड़मेर में नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की नींव रखी और पहली शाखा खोली. इसके बाद देशभर में इसकी 228 शाखाएं खोली गईं और लोगों की मेहनत की कमाई को पांच साल में दोगुना करने का लालच देकर निवेश कराया. लोगों का भरोसा जीतने के लिए शुरुआत में सोसायटी के संचालकों ने अपने परिचितों से ही इस सोसायटी में निवेश करवाया और तय समय पर वादे के मुताबिक मुनाफा भी दिया. जिसके बाद लोगों का रुझान और इसमें निवेश बढ़ता गया. साल 2017 में पता चला कि सोसायटी में निवेश करने वाले लोगों की पसीने की कमाई डूब गई. अब तक हुई जांच में पता चला है कि राजस्थान और प्रदेश के बाहर के 1.93 लाख निवेशकों ने 400 करोड़ की रकम सोसायटी में निवेश किया था. जिसे संचालकों ने नहीं लौटाईं.
ऐसे होता रहा पर्दे के पीछे खेल :एसओजी की जांच में खुलास हुआ कि इस पूरी साजिश का मुख्य किरदार गिरधर सिंह सोढा और उसका साला रावत सिंह है. दोनों ने सोसायटी में निवेश किए गए 400 करोड़ रुपए को अपने रिश्तेदारों और परिचितों की फर्जी कंपनियों में डायवर्ट किया. इन कंपनियों के नाम से लग्जरी गाड़ियां खरीदी. जिनका उपयोग निजी काम में किया जाता. लोगों के पैसे से बेशकीमती जमीन भी खरीदी. इस तरह से 2017 आते-आते सोसायटी घाटे में डूबने लगी. फर्जी कंपनियों के नाम से खरीदी गई लग्जरी गाड़ियों और ट्रकों को करीब चार साल पहले एसओजी ने जब्त किया था. इनमें फार्च्यूनर और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी गाड़ियां भी शामिल हैं.
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