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ब्राह्मणों को अत्याचारी साबित करने का किया प्रयास, भ्रमित नहीं हों, सम्पूर्ण ज्ञान के साथ नेतृत्व करें : राज्यपाल

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Published : Nov 13, 2022, 8:26 PM IST

राष्ट्रीय ब्राहमण सम्मेलन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने बड़ी बात कही. उन्होने कहा कि ब्राह्मणों को अत्याचारी साबित करने का प्रयास किया, कई पुस्तकें ब्राह्मणों के खिलाफ लिखी गईं. लेकिन इससे भ्रमित होने की जरूर नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण ज्ञान के साथ समाज का नेतृत्व करें. और किन मुद्दों पर हुई चर्चा, यहां जानिए....

National Brahmin Conference in Jaipur
सम्पूर्ण ज्ञान के साथ नेतृत्व करें

जयपुर. समाज में भ्रमित करने वाले कई ग्रंथ हो सकते हैं. ऐसे ग्रंथों और उनकी बातों से भ्रमित नहीं होना चाहिए. कई पुस्तकें ब्राह्मणों के खिलाफ (Kalraj Mishra Gave Big Statement) लिखी गईं. इनमें ब्राह्मणों को अत्याचारी साबित करने का प्रयास किया गया है. यह कहना है प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र का. मिश्र ने रविवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में गौड़ ब्राह्मण महासभा की ओर से आयोजित राष्ट्रीय ब्राहमण सम्मेलन में ये बात कही.

राज्यपाल ने कहा कि ब्राह्मणों की आलोचना के लिए विभिन्न शास्त्रों के श्लोकों और पुराणों की कथाओं का उदाहरण दिया गया है. इससे भ्रमित नहीं होना चाहिए. सभी को संकल्प लेना चाहिए कि संस्कार को जीवन में आचारित करते हुए सबको साथ लेकर अपने शब्दों की ताकत से मंत्रों के माध्यम से आगे बढ़ाते हुए प्रयास करेंगे. शास्त्रों और संस्कृति की सही स्थिति की जानकारी देंगे. इसी की आवश्यकता है. वहीं, हर बार की तरह राज्यपाल ने शुरुआत में सभागार में मौजूद लोगों को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया.

किसने क्या कहा...सुनिए

अधर्म-अत्याचार के खिलाफ शस्त्र उठाने से भी गुरेज नहीं : राज्यपाल मिश्र ने कहा कि समाज पर जब भी संकट आए, ब्राह्मणों ने आगे आकर आलोक पथ दिखाने का काम किया, हमेशा मार्गदर्शन किया. ब्राह्मणों ने अपने आचारण, व्यवहार, तपश्चर्या, शब्दों की मंत्र शक्ति से हमेशा समाज और देश का सशक्त रूप से मार्ग दर्शन किया है. समाज को नेतृत्व प्रदान किया है. यज्ञ और सम्पूर्ण मानवता के कल्यण के लिए काम किया है. समय समय पर अधर्म अत्याचार के दौर में ब्राह्मणों ने शस्त्र भी उठाने से गुरेज नहीं किया है.

कमंडल वाले, मांगकर खाने, पूजा-पाठ वाले दीन हीन नहीं है ब्राह्मण : मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण वो वर्ग है, जिसने समाज के लिए सर्वस्व कल्याण के लिए काम किया है. भगवान परशुराम ने संसार को बताया है कि ब्राह्मण केवल कमंडल वाले, मांगकर खाने वाले और पूजा-पाठ से निर्वाह करने वाले दीन हीन नहीं होते. वक्त और जरूरत पड़ने पर वो खुद पर होने वाले अत्याचार का जवाब भी दे सकते हैं. जितने ब्राह्मण आचार्य हुए हैं, उन्होंने अपने ज्ञान का समग्र विश्व कल्याण के लिए समर्पित किया है. पुराणों से चली आ रही परम्परा में ब्राह्मणों को देवता कहा गया है. पृथ्वी में जितने भी तीर्थ समुद्र में मिलते हैं, समुद्र में जितने तीर्थ हैं ब्राह्मणों में समाहित है. ब्राह्मण सभी प्राणियों के सुख समृद्धि की कामना करने वाला है, इसलिए देवता स्वरूप माना गया है.

आधुनिक भारत निर्माण में ब्राह्मणों की भूमिका : मिश्र ने कहा कि देश की संस्कृति का विकास ब्राह्मणों ने किया है. आधाुनिक भारत के निर्माण में भी ब्राह्मण की भूमिका रही है. मद्यपान जैसी कुरीतियों को अपनाने से समाज का विघटन हो रहा है. सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज सामाजिक बुराइयों से कुरीतियों से दूर रहते हुए अपनी भूमिका निभाए. ब्राह्मण विद्वान होता है, हर बात को तर्क के आधार पर करता है. आज ईर्ष्या विद्वेष और वाद से बचने की आवश्यकता है.

ब्राह्मण आशीर्वाद देता है तो श्राप भी देता है : वहीं, कार्यक्रम में मौजूद रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सभी समाज को जोड़ कर सुसंस्कारों का जागरण और संस्कृति का रक्षण करना ब्राह्मण समाज का दायित्व होता है, जिसके लिए सभी को संकल्पित होकर कार्य करना होगा. ब्राह्मण जाति नहीं संस्कार का नाम है, ब्राह्मण आशीर्वाद भी देता है तो श्राप भी देता है. ब्राह्मण प्रतिशोध भी लेता है. ब्राह्मण किसी का विरोधी नहीं है. राजनीति धर्म और जाति में नहीं होती है. बुद्धिजीवी और अनपढ़ को समझा लेंगे, लेकिन ब्राह्मण को समझा ले ये बड़ी बात है. संस्कृति का जो विघटन हो रहा है, उसे रोकना पड़ेगा. लोगों ने आधुनिकता के परिवेश में संस्कृति को विस्मृत कर दिया है. उन्होंने कहा कि जिस में शक्ति होती है उसी को सब नमन करते हैं, ब्राह्मण को शक्तिशाली बनाना होगा.

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इस दौरान मौजूद रहे शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि परस्पर सहयोग की भावना और संस्कारों के निर्माण से ही (National Brahmin Conference in Jaipur) समाज का व्यापक स्तर पर उत्थान संभव है. वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश में वेद विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. वेदों की लुप्त हो रही ऋचाओं के संरक्षण के लिए भी सरकार के स्तर पर पहल की गई है. वहीं, पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौर में राज्य में पहली बार विप्र कल्याण बोर्ड का गठन किया गया. साथ ही, पहल कर ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने का सुझाव दिया.

राजस्थान में 4-4 ब्राह्मण CM हुए हैं, प्रमुख जगह सीएस, डीजीपी, कर्मचारी चयन आयोग सहित प्रमुख पदों पर ब्राह्मण हैं. कैबिनेट में बीडी कल्ला, वो खुद और इससे पहले रघु शर्मा मंत्री रहे हैं. राज्य में जहां जगह वहां ब्राह्मणों को उनका हक दिया गया है. इसके लिए उन्होंने सीएम का आभार जताते हुए कहा कि ब्राह्मण, अब पीछे (Condition of Brahmin in Rajasthan) क्यों हो रहे हैं, इस पर चिंतन मनन जरूरी है. इस दौरान पूर्व मंत्री और खादी बोर्ड अध्यक्ष बृज किशोर शर्मा ने कहा विप्र बोर्ड का गठन कर सीएम ने ब्राह्मणों को तोहफा दिया है. राज्य में 13 बोर्ड निगमों में ब्राह्मणों को लगाया है, इसलिए सीएम का आभार जताना जरूरी है.

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