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जयपुर के दोनों निगमों की महापौर से हारी सरकार!, हाईकोर्ट ने मुनेश गुर्जर के निलंबन के आदेश को किया रद्द - ETV Bharat Rajasthan News

जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने मुनेश गुर्जर के निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया है साथ ही प्रारंभिक जांच भी फिर से करने के आदेश दिए हैं. 23 सितंबर 2023 से खाली पड़ी हेरिटेज नगर निगम महापौर की सीट पर एक बार फिर मुनेश गुर्जर आसीन होंगी.

Relief to Munesh Gurjar from High Court
जयपुर के दोनों निगमों की महापौर से हारी सरकार!

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 1, 2023, 7:21 PM IST

हाईकोर्ट ने मुनेश गुर्जर के निलंबन के आदेश को किया रद्द

जयपुर. कांग्रेस सरकार ने जयपुर के विकास और विरासत को संवारने के उद्देश्य से दो नगर निगम बनाएं लेकिन बीते तीन साल में दोनों ही निगम में राजनीति कुछ इस कदर हावी रही कि पहले ग्रेटर नगर निगम और फिर हेरिटेज नगर निगम की महापौर को अपनी कुर्सी के लिए जूझना पड़ा और दोनों ही प्रकरण का निपटारा कोर्ट ने किया. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने मुनेश गुर्जर के निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया है साथ ही प्रारंभिक जांच भी फिर से करने के आदेश दिए हैं.

ताजा घटनाक्रम हेरिटेज नगर निगम से जुड़ा हुआ है जिसमें कोर्ट ने मुनेश गुर्जर को राहत देते हुए राज्य सरकार की ओर से निकाले गए निलंबन के आदेश को रद्द किया है. साथ ही प्रारंभिक जांच भी दोबारा करने के निर्देश दिए हैं. 23 सितंबर 2023 से खाली पड़ी हेरिटेज नगर निगम महापौर की सीट पर एक बार फिर मुनेश गुर्जर आसीन होंगी. राज्य सरकार की ओर से निलंबित किए जाने के आदेश को मुनेश गुर्जर ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया था. जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली है. ऐसे में ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर प्रकरण के बाद निवर्तमान कांग्रेस सरकार को हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर से भी मुंह की खानी पड़ी है.

पढ़ें:मेयर मुनेश गुर्जर को राहत, निलंबन आदेश को हाईकोर्ट ने किया रद्द

जयपुर की जनता का जताया आभार:इसे लेकर मुनेश गुर्जर ने जयपुर वासियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि काफी समय से वैष्णो देवी के नहीं आई थी. माता के दर्शन करने के लिए अभी रास्ते में ही हूं और दर्शन से पहले ही उनका आशीर्वाद मिला है. उन्होंने कहा कि उनकी हमेशा से ईश्वर में काफी आस्था रही है. भगवान हमेशा सच्चाई के साथ रहते हैं. मुनेश ने कहा कि आज सच्चाई की जीत हुई है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका और भगवान पर पूरा विश्वास था. मुनेश गुर्जर ने कहा कि दुख की घड़ी में उनके कार्यकर्ता और वार्ड के लोगों ने विश्वास जताया और उनके लिए दुआएं की ये उसी का नतीजा है.

ये रहा घटनाक्रम:4 अगस्त 2023 को एसीबी ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर से 40 लख रुपए बरामद कर उनके पति सुशील गुर्जर को गिरफ्तार किया था. इस पर 5 अगस्त को डीएलबी ने मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद पद से निलंबन के आदेश जारी किए थे. निलंबन आदेश खिलाफ मुनेश गुर्जर ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 23 अगस्त को उनके निलंबन के फैसले पर कोर्ट ने रोक लगाई. 24 अगस्त को उन्होंने दोबारा मेयर की कुर्सी संभाली, लेकिन 23 सितंबर को डीएलबी ने एक और आदेश जारी करते हुए मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया जिस पर अब जाकर कोर्ट ने राहत दी है.

पढ़ें:Rajasthan High Court: मुनेश को पुन: निलंबित करने का रिकॉर्ड मंगाया

किस्सा कुर्सी का:बता दें कि हेरिटेज नगर निगम से पहले ग्रेटर नगर निगम में भी कुछ इसी तरह महापौर सौम्या गुर्जर को निलंबित करने फिर उनको बर्खास्त करने और कोर्ट से राहत के बाद दोबारा सौम्या गुर्जर के कुर्सी पर बैठने का मामला चला था. ग्रेटर निगम में कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के मामले में 6 जून 2021 को महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित किया गया था और शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बनाया गया था. निलंबन के इस आदेश पर 1 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी और 2 फरवरी 2022 को सौम्या दोबारा महापौर की कुर्सी पर बैठी थी. 11 अगस्त 2022 को न्यायिक जांच में सौम्या गुर्जर और पार्षदों को दोषी माना गया, जिसके चलते उनकी कुर्सी फिर चली गई. सरकार ने 27 सितंबर 2022 को सौम्या गुर्जर को बर्खास्त कर दिया और महापौर पद पर इलेक्शन भी कराए, लेकिन इलेक्शन का रिजल्ट आने से पहले ही 10 नवंबर को कोर्ट ने सरकार की ओर से निकाले गए बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिए इसके बाद सौम्या ने दोबारा कुर्सी संभाली थी.

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