नई दिल्ली.लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को प्रदेश के सांसदों ने सदन में विभिन्न मुद्दे उठाए. इसी कड़ी में चूरू सांसद राहुल कस्वा ने भी सदन में बरसात से नष्ट हुई फसल का मुद्दा उठाया. वहीं, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रीसाइक्लिंग ऑफ शिप विधेयक 2019 चर्चा की.
राहुल कस्वा ने उठाया बारिश और ओलावृष्टि से जुड़ा मुद्दा
चूरू से बीजेपी सांसद राहुल कस्वा ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को बारिश और ओलावृष्टि से जुड़ा मुद्दा. सांसद ने कहा कि मेरे लोकसभा क्षेत्र चूरू और बीकानेर संभाग सहित पूरे राजस्थान में बीते कुछ दिनों में काफी बारिश और ओलावृष्टि हुई जिसके चलते किसानों को नुकसान हुआ.
राहुल कस्वा ने उठाया किसानों की फसल नष्ट होने का मुद्दा पढ़ेंः स्पेशल: यहां राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर उठापटक जारी, कई नेता आस लगाए बैठे
सांसद ने कहा कि चूरू लोकसभा क्षेत्र में मूंगफली की फसल बोई जाती है, जो भारी बारिश के चलते काफी खराब हो गई और फसल में कालापन भी आ गया. सांसद ने कहा कि किसानों को फसल का सही मूल्य ना मिल पाने की वजह से इसे खरीदा जाए और सरकार किसानों को मुआवजा देने का काम करे.
हनुमान बेनीवाल ने रीसाइक्लिंग ऑफ शिप विधेयक 2019 पर की चर्चा
रीसाइक्लिंग ऑफ शिप विधेयक 2019 पर लोकसभा में बोलते हुए आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ये बिल प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार का एक अच्छा कदम साबित होगा. बेनीवाल ने कहा कि जैसा कि इस विधेयक में बताया गया है कि भारत विश्व के अंदर रीसाइक्लिंग ऑफ शिप उद्योग में कुल 30 फीसदी हिस्सेदारी रखता है.
बेनीवाल ने रिसाइक्लिंग ऑफ शिप विधेयक 2019 पर सदन में चर्चा की हनुमान बेनीवाल ने कहा कि जितने भी हानिकारक केमिकल है का इस्तेमाल रिसाइक्लिंग के दौरान होता है उन पर इस विधेयक के आने के बाद प्रतिबंध लग जाएगा. साथ ही जहां जहाजों की रिसाइक्लिंग होगी वो स्थान अधिकृत होंगे और योजना के अनुसार हांककांग अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन के अनुसार उन्हें प्रमाण पत्र लेना होगा. सांसद ने कहा कि अब हर कोई इसे नहीं कर सकता है. इसके लिए दिल्ली और राज्य की देख-रेख में प्राधिकरण बनेगा, जो मॉनिटरिंग करेगा.
पढे़ं- प्रवासी राजस्थानियों के सम्मेलन में एक मंच साझा कर सकते हैं पूनिया और पायलट
बेनीवाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में जहाज के तोड़ने से कुल 6 हजार 323 टन मलबा निकला. सांसद ने कहा कि लोकसभा के एक सवाल के जवाब के अनुसार देश के गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और केरल राज्यों में जहां 8 हजार से ज्यादा मजदूर और कामगार इस काम में लगे हैं, उनके स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ये बिल का अच्छा कदम है.
नागौर सांसद ने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी कामगार है उनके हितों पर कोई कुठाराघात नहीं हो इस बात का भी विशेष ध्यान सरकार को भी रखना है. रालोपा सांसद ने कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी इस बिल का समर्थन करता है.