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होटलों में बेनामी निवेश की शिकायत सांसद किरोड़ी मीणा ने दी ईडी को, सीएम अशोक गहलोत समेत परिजनों पर हैं ये आरोप - Complaint of benami investment in ED office

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा शुक्रवार को एक बार फिर ईडी के दफ्तर पहुंचे. इस बार मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत सहित परिवार के खिलाफ होटलों में बेनामी निवेश की शिकायत परिवादी के जरिये दर्ज (Complaint of benami investment in ED office) करवाई है.

Complaint of benami investment in ED office
Complaint of benami investment in ED office

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Published : Jun 9, 2023, 3:43 PM IST

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं . पहले पेपर लीक में सीएम से तार जुड़े होने के आरोपों का सामना कर रहे सीएम गहलोत का आने वाले दिनों में होटलों में बेनामी निवेश के मामले में ईडी से सामान हो सकता है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस बार होटल में बेनामी निवेश का न केवल मुद्दा उठाया या आरोप लगाया बल्कि इसकी तथ्यों के साथ शिकायत परिवादी के जरिए ईडी के उच्च अधिकारीयों को दी.

मीणा ने इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत सहित उनके परिवार को निशाने पर लिया. ईडी में दी हुई शिकायत में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि जयपुर की फेयर माउंट होटल सहित अन्य जिलों की चार पांच सितारा होटलों में वैभव गहलोत उनकी पत्नी हिमांशी गहलोत की हिस्सेदारी है. आरोप है कि इन होटलों में मॉरीशस से बेनामी रूप से ब्लैक मनी व्हाइट किया गया है. सांसद ने जयपुर के होटल फेयरमाउंट, शिवनार कंपनी सनलाईट कार रेंटल सर्विसेज सहित अन्य माध्यमों से बेनामी संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगाए हैं. मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा की लंदन के एक डॉक्टर सहित तीन लोगों के जरिए से भी हवाला के जरिए 200 करोड़ का निवेश करवाया है.

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दो NRI और एक विदेशी के जरिए हुआ खेल :सांसद मीणा ने कहा कि ब्लैक मनी का पूरा खेल मुख्य रूप से जोधपुर के एक NRI डॉक्टर और दो अन्य युवकों के जरिये हो रहा है. इसमें दो NRI और एक विदेशी युवक के जरिए ये निवेश हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें जोधपुर के डॉक्टर नरेंद्र सिंह ढींढसा है , जो कि लंदन में रहते हैं , वहीं दूसरा हितेश बियानी और रसियन युवक है. मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले यहां से हवाला के जरिए पैसा मॉरीशस भेजा जाता है, फिर उसी पैसे को फर्जी कंपनी सिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड के नाम से यहां पर निवेश किया जाता है. इस कम्पनी में सीएम गहलोत के परिवार के सदस्यों के नाम है. मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किए क्या गहलोत इन आरोपों पर कोई जवाब देंगे , अगर वो जवाब नहीं देते हैं तो ये साफ हो जाएगा की जो आरोप में लगा रहा हूं वो सब सही हैं. सीएम गहलोत को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.

ED कार्यालय के बाहर शिकायत की प्रति दिखाते सांसद किरोड़ी लाल मीणा

बेनामी व्यवसाय :राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार भ्रष्टाचार को खत्म कर सुशासन देने की बात करते हैं. आज ईडी में जो तथ्यों के साथ शिकायत दी है, वो ये बताने के लिए काफी है कि किस तरह से अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सीएम गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत ने होटलों में बेनामी निवेश किया है.

मीणा ने कहा कि इसमें सीएम गहलोत या उनके बेटे वैभव गहलोत ही नहीं बल्कि उनकी पुत्रवधू हिमांशी गहलोत के साथ बेटी और परिवार के सदस्य इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं. इन सब के नाम से पांच सितारा होटलों में बेनामी व्यवसाय किया जा रहा है. मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में गलत तरीके से अर्जित की गई राशि को विभिन्न माध्यमों से एकत्र किया जा कर वैभव गहलोत और हिमांशी गहलोत की डमी कंपनी सनलाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में स्थानांतरित किया जा रहा है.

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घाटे की कंपनी में हुआ निवेश :सांसद मीणा ने कहा कि गहलोत ने एक शैल और फर्जी कंपनी सिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड के नाम पर 96 करोड़ रुपए मॉरीशस से बेनामी रूप से निवेश किया गया है. मिनर्वा होल्डिंग लिमिटेड एक हवाला कंपनी है, जिसका पनामा पेपर्स लीक में नाम था . शिवनार होल्डिंग लिमिटेड ने घाटे में चल रही कंपनी फेयर माउंट होटल में आधा स्वामित्व भारी प्रीमियम कीमत पर खरीदा है. शिवनार होल्डिंग लिमिटेड ने मूल रूप से कंपनी के 50 फीसदी स्वामित्व के लिए भारी धनराशि का निवेश किया था. इस कंपनी के शेयरों को कम हिस्सेदारी के लिए 100 रुपए के शेयर को 39 हजार रुपए और 2 हजार 200 रुपए प्रीमियम मूल्य पर खरीदा गया है.

इसी कंपनी के जरिए बेमानी संपत्ति रोटेट हुई है. मीणा का आरोप है कि सिवनार फिड्युशियरी लिमिटेड सीएम गहलोत परिवार के लिए जेटीसी फिड्युसीएरी सर्विसेज लिमिडेट की ओर से बनाई गई एक शैल एवं डमी कंपनी है. जिसका सिर्फ ओर सिर्फ उद्देश्य सीएम गहलोत परिवार को फायदा पहुंचना है . उन्होंने कहा कि वैभव गहलोत लंबे समय तक होटल फेयर माउंट में कानूनी सलाहकार रहे हैं.

यहां हुआ राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल : किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के राजनीतिक संरक्षण में उदयपुर की उदयसागर झील के पेटे की जमीन पर होटल का निर्माण किया गया है. जिसमें कुछ समय पहले करीब आठ हेक्टेयर जमीन को एक आदिवासी से हड़प कर उसमें से करीब दो हेक्टेयर भूमि को अवैध तरीके से रूपांतरित कर निर्माण किया है, जबकि छह हेक्टेयर भूमि को कृषि प्रयोजन के लिए छोड़ा गया है. आरोप है कि दो हेक्टेयर भूमि में निर्माण इस ढंग से किया गया, जिससे जमीन झील के पेटे से बाहर नजर आ सके, इस अवैध निर्माण को राजस्थान उच्च न्यायालय ने ध्वस्त करने के आदेश भी दिए थे, लेकिन बावजूद इसके उसे हटाया नहीं गया.

इसी होटल के लिए वर्ष 2014 में वर्धा एंटरप्राइजेज ने बिना अनुमति सड़क का निर्माण किया, जिसको 2017 में जलदाय विभाग की जांच में अवैध निर्माण माना गया. इसके बाद 2018 में प्रदेश में गहलोत सरकार बनते ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के संरक्षण में वर्धा कंपनी ने इस होटल में अवैध रूप से 40 कमरों का निर्माण करवाया. डॉ. किरोडीलाल मीणा ने कहा कि गहलोत परिवार की दूसरी संपत्ति होटल ताज अरावली है, जो कि मुंबई रहने वाले राजीव आनंद और वैभव गहलोत के मालिकाना हक वाला होटल है. उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि यह वही होटल है जिसमें कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित हुआ था और राज्यसभा चुनाव के समय बाड़ाबंदी की गई थी.

इस होटल में वन विभाग और चारागाह भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया हुआ है. नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पिछोला झील के पेटे में दस करोड़ के सौंदर्यीकरण कार्य कराए गए. इसके अलावा माउंट आबू का निमडी पैलेस जो कि ईको सेंसेटिव जोन में आता है, इसमें गहलोत के नजदीकी बद्री जाखड़ ने राजनीतिक संरक्षण में अवैध रूप से 80 कमरों का निर्माण कराया.

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