सांसद हनुमान बेनीवाल पहुंचे राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर.सांसद हनुमान बेनीवाल शुक्रवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों का अनशन तुड़वाने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के साथ ही बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खुद यूनिवर्सिटी और कॉलेज का चुनाव हारे हैं. उनके मन में यही भाव है कि वो उस जमाने में छात्र संघ अध्यक्ष नहीं बन पाए, इसलिए अभी सीएम हैं तो चुनाव बंद कर दिए. चुनाव बंद करने से रिपीटेशन की बात तो खत्म ही हो गई और बीजेपी का चेहरा भी सामने आ गया है.
उन्होंने कहा कि छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने का सीधा कारण ये है कि पिछले चुनाव में तीसरा मोर्चा सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों में जीत कर आया था. इससे कांग्रेस और बीजेपी की किरकिरी हुई. दोनों ने मिलीभगत करते हुए छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाई है. पहले भी समय-समय पर छात्रसंघ चुनाव को रोकने का प्रयास किया गया. आरएलपी शुरुआत से छात्र संघ के स्वायत्तता के पक्ष में है.
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बेनीवाल ने साधा निशानाःहनुमान बेनीवाल ने कहा कि छात्रों की भूख हड़ताल खत्म कराई है और अब आरएलपी पार्टी छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरेगी. अन्य पार्टियों के नेता जो लंबी-लंबी डींग हांकते हैं, जो राजस्थान यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष रहे और अब एमएलए-मंत्री हैं, उनका भी जमीर जागे और वो मिलकर चुनाव करवाएं. ऐसा नहीं होने पर नौजवान गहलोत सरकार की ईंट से ईंट बजा देगा. ये सरकार रिपीट करने की बात कर रहे हैं, पता भी नहीं लगेगा कि कांग्रेस पार्टी कहां गई. बूथ प्रेसिडेंट तक नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि उनका खुद का कोई संगठन नहीं है, यदि आरएलपी की स्टूडेंट विंग भी हो तो वो भी चुनाव लड़वाते. सभी का मकसद यही है कि छात्र संघ चुनाव हों. वो तो हमेशा से इस बात के पक्ष में हैं कि कैंपस में बीजेपी-कांग्रेस नहीं होनी चाहिए.
लोकतांत्रिक व्यवस्था में ये गुंडागर्दी :उन्होंने कहा कि यदि आरएलपी सत्ता में आई तो लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को नहीं माना जाएगा. पूर्व की भांति ही चुनाव होंगे. यदि कोई छात्र छात्रहितों के लिए रास्ता रोक रहा है, तो क्रिमिनल नहीं है. बीजेपी के सरकार में भी पहले चुनाव बंद हुए, कांग्रेस के सरकार में बार-बार चुनाव बंद हो रहे हैं. छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए बीजेपी आए और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलें, लेकिन आवश्यकता पड़ी तो आरएलपी राजधानी को घेरेगी. दो लाख जवानों की रैली भी करेंगे. लॉ एंड आर्डर न बिगड़े इसका भी ध्यान रखेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस का हस्तक्षेप कैंपस के अंदर हो रहा है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्य गेट के बाहर सभा नहीं करने देना, इससे बड़ी लोकतंत्र का गला घोंट कर हत्या करने की बात क्या होगी? जिन छात्रों को प्रदर्शन करने में पकड़ा है, उन्हें छोड़ा जाए.
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छात्र और जवानों को आरएलपी पसंदःबेनीवाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि राजधानी को सचिवालय में भी घुस जाएंगे, कोई रोक ही नहीं पाएगा. छात्र और जवान को तो आरएलपी ही पसंद है. वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस प्रशासन की दखलंदाजी पर उन्होंने कहा कि जो लीडर है वह नहीं चाहते कि छात्र नेता मजबूत हों. कैंपस की स्वायत्तता को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, यह ठीक नहीं है. गर्ल्स कॉलेज के आसपास भी पुलिस मंडराती रहती है, वहां पुलिस का क्या लेना देना? उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर राज्यपाल से भी मिलेंगे. इस दौरान बेनीवाल ने छात्रों की एक संघर्ष समिति बनाते हुए उन्हें वार्ता के लिए सचिवालय भेजा, जहां छात्रों ने उच्च शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा से मुलाकात की और उनके समक्ष छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग रखी.
इससे पहले उन्होंने बीजेपी की चुनाव संकल्प पत्र समिति और चुनाव प्रबंधन समिति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं होने पर तंज कसते हुए कहा कि वसुंधरा राजे को तो बहुत समय से, मैंने गायब कर दिया था. वो तो गायब ही हैं पहले से. बीजेपी भ्रष्टाचार के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कह रही है. अब यदि मैडम को आगे लाएंगे तो भ्रष्टाचार की पूरी पोटली ही खुल जाएगी.