जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के बयान के बाद सचिन पायलट को अब पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से साफ संकेत दे दिए गए हैं, कि अगर आज पायलट अनशन पर बैठेंगे तो उसे पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा. ऐसे में अब पायलट की राह कांग्रेस में मुश्किल होने जा रही है. दरअसल, पायलट मंगलवार को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की जांच गहलोत सरकार की ओर से नहीं करवाए जाने के विरोध में जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन करेंगे. ऐसे में सचिन पायलट और कांग्रेस में टकराव बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है.
इसी बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट से अपील करते हुए कहा, वह आज अनशन के बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान करें और अपनी खुद की पार्टी बनाकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन कर तीसरा मोर्चा बनाएं. बेनीवाल ने कहा कि अगर पायलट, आरएलपी, बसपा और ट्राइबल पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस से उब चुका किसान और जवान जो बदलाव चाहता है वह तीसरे मोर्चे को जिताएगा. लेकिन इसके लिए सचिन पायलट को अनशन के बाद पार्टी छोड़ने का ऐलान करने के बाद राज्य के दौरे पर निकलना होगा.
आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने कहा, पायलट ने जो आरोप सरकार पर लगाए हैं उन्हीं के चलते मुझे 2009 में भाजपा से निकाला गया. 24 साल से वसुंधरा और गहलोत का मिलाजुला के खेल चल रहा है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. इस पर कार्रवाई केवल तीसरा मोर्चा कर सकता है. उन्होंने कहा कि 1998 से लेकर 2022 तक 24 साल से इनका गठबंधन चल रहा है. 24 साल में इन्होंने राजस्थान को जमकर लूटा और एक भी इनका समर्थक जेल नहीं गया. सत्ता बदलते ही जो अधिकारी वसुंधरा सरकार को चलाते थे. वहीं गहलोत सरकार को चलाते दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से अधिकारी आईजी, एसपी, संभागीय आयुक्त रहे. जिन्होंने गहलोत और वसुंधरा दोनों सरकार में काम किया.