जयपुर. देश में बांध सुरक्षा मिशन को गति देने के लिए राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण और एमएनआईटी जयपुर के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में एमओयू साइन हुआ. इस दौरान उन्होंने केंद्र की बांध सुरक्षा संबंधी प्रतिबद्धताओं को विस्तार से बताते हुए, राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना और उसे 5 वर्षों तक चलाने के लिए लगभग 30 करोड़ के वित्तीय अनुदान की मंजूरी की जानकारी भी दी.
बांध सुरक्षा अधिनियम के बाद अब बांधों की भूकंप सुरक्षा और निरीक्षण के लिए राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किया जा रहा है. राष्ट्रीय केंद्र स्थापित करने के एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बांधों की सुरक्षा देश में स्थित बांधों की बढ़ती व्यय के कारण बड़ी चिंता का विषय है. संविधान के अनुरूप बांध और जल राज्य का विषय होने के नाते विभिन्न राज्यों में इस विषय को लेकर कहीं ना कहीं उदासीनता है, ऐसा अनुभव किया गया. दुनिया में यदा-कदा बांधों के टूटने या उनके परिचालन में कहीं कोई कमी रह जाने के कारण बड़ी आपदाएं होने के अनेक उदाहरण मिलते रहते हैं.
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भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा बांधों वाला देश है और निरंतर इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में आवश्यकता है कि बांधों की बढ़ती हुई व्यय और संख्या को देखते हुए एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल बांधों के परिचालन और सुरक्षा को लेकर के भारत में बनाएं. इसी के साथ-साथ बांध सुरक्षा और बांधों के रिहैबिलिटेशन इंप्रूवमेंट को लेकर दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम भारत में किया गया. जिसके तहत 286 बांधों के परिचालन-रखरखाव को लेकर के काम पूरा किया जा चुका है और लगभग 750 बांधों का इस दिशा में काम अभी शुरू किया है.
देश की संसद ने एक बांध सुरक्षा कानून पारित किया और उस कानून के अस्तित्व में आने को लेकर सभी राज्यों का धन्यवाद करते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बांधों की सुरक्षा को लेकर कुछ तकनीकी संस्थानों को भी खड़ा करने की आवश्यकता है. इस क्रम में आईआईटी रुड़की जल क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध संस्थान है. वहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से स्थापित किया. इसी तरह बेंगलुरु में एक सेंटर स्थापित कर रहे हैं. क्योंकि देश का बहुत बड़ा भूभाग भूकम्प सेंसिटिव जोन है और बीते वर्षों में भूकंप से जुड़ी बहुत सारी घटनाएं ऑब्जर्व की गई. इसी के चलते एमएनआईटी में भूकंप के चलते बिल्डिंग स्ट्रक्चर्स की सेफ्टी को लेकर एक लैब स्थापित की गई थी. जो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की है.