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माल वाहन में बैठे यात्रियों की दुर्घटना में मौत, मुआवजे के लिए चालक-मालिक जिम्मेदार - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने माल वाहन में बैठे यात्रियों (Motor Accident Claims Tribunal ) की दुर्घटना में हुई मौत के मामले में वाहन मालिक को जिम्मेदार माना है. साथ ही बीमा कंपनी को मुआवजे देने के दायित्व से मुक्त कर दिया है.

Motor Accident Claims Tribunal,  owner of the vehicle responsible
मुआवजे के लिए चालक-मालिक जिम्मेदार

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Published : Aug 5, 2023, 9:03 PM IST

जयपुर. मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने माल वाहन में बैठे यात्रियों की दुर्घटना में मौत के मामले में बीमा कंपनी को मुआवजे देने के दायित्व से मुक्त कर दिया है. इसके साथ ही अधिकरण ने वाहन चला रहे गाड़ी मालिक को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार मानते हुए मृतकों के आश्रितों को कुल 49 लाख 44 हजार रुपए की राशि अदा करने को कहा है. अधिकरण ने इस राशि पर क्लेम याचिका पेश करने की तिथि से छह फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है.

अधिकरण ने कहा कि प्रकरण में माल वाहन की दुर्घटना हुई थी. इस दौरान वाहन में यात्री बैठे थे, लेकिन उनमें से कोई भी माल का स्वामी नहीं था. ऐसे में यह माना जाएगा कि वाहन मालिक ने अनाधिकृत रूप से माल वाहन में यात्री बैठा रखे थे. इसलिए बीमा पॉलिसी की शर्त की अवहेलना होने के चलते बीमा कंपनी क्लेम के लिए जिम्मेदार नहीं है. अधिकरण ने यह आदेश हरिराम व अन्य सहित कुल चार क्लेम याचिकाओं का निस्तारण करते हुए दिए.

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क्लेम याचिकाओं में कहा गया कि 10 फरवरी, 2021 की सुबह करीब चार बजे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 62 पर जोधपुर से नागौर के बीच लालवास के पास बोलेरो कैंपर के वाहन चालक मानाराम ने वाहन को लापरवाही और तेज गति से चलाते हुए सडक़ किनारे खेजड़ी के पेड़ से टक्कर मार दी. जिसके चलते वाहन में बैठे रामूराम, भीखाराम, चनणी देवी और कैली देवी की मौत हो गई. इसके अलावा दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. दुर्घटना को लेकर उसी दिन स्थानीय थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई.

ऐसे में मृतकों के आश्रितों को क्लेम दिलाया जाए. वहीं श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. की ओर से अधिवक्ता गोपाल प्रसाद गुप्ता ने क्लेम याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दुर्घटना में शामिल वाहन माल वाहन के रूप में पंजीकृत है. वहीं बीमा पॉलिसी में स्पष्ट तौर पर शर्त है कि वाहन का उपयोग यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए नहीं किया जाएगा. ऐसे में प्रकरण में बीमा पॉलिसी कवर नहीं होती है और बीमा कंपनी क्लेम के लिए जिम्मेदार नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने वाहन चला रहे गाड़ी मालिक को निर्देश दिए हैं कि वह मृतक चनणी देवी के आश्रितों को आठ लाख 52 हजार रुपए, मृतक भीखाराम के आश्रितों को 18 लाख 65 हजार रुपए अदा करें. इसी प्रकार मृतक रामू राम के आश्रितों को पांच लाख 360 रुपए और मृतक कैली देवी के आश्रितों को 17 लाख 25 हजार रुपए क्लेम याचिका पेश करने की तिथि से छह फीसदी ब्याज सहित अदा करें.

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