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Moti Dungri Ganesh Ji Temple 500 किलो दूध के साथ भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक

जयपुर में गुरुवार सुबह पुष्य नक्षत्र में 500 किलो दूध से भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक किया गया. भगवान के अभिषेक और पंचामृत भोग को प्रसादी के उपयोग में लिया गया.

Panchamrit Abhishek of Lord Ganesha
भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक

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Published : Aug 25, 2022, 1:29 PM IST

Updated : Aug 25, 2022, 1:54 PM IST

जयपुर. गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की कड़ी में गुरुवार सुबह पुष्य नक्षत्र में जयपुर स्थित मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh Ji Temple) में भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक किया गया. भगवान का 500 किलो दूध, 50 किलो बूरा, 100 किलो दही, 11 किलो शहद और 11 किलो घी से पंचामृत अभिषेक (Panchamrit Abhishek of Lord Ganesha) किया गया. भगवान के अभिषेक और पंचामृत भोग को प्रसादी के उपयोग में लिया गया.

सबसे पहले मोती डूंगरी गणेश जी का अभिषेक गंगाजल से किया गया. इसके बाद भगवान का गुलाब जल और केवड़ा जल से अभिषेक किया गया और फिर भगवान का इत्राभिषेक किया गया. इसमें गुलाब, खस और केवड़े के इत्र से अभिषेक हुआ. बाद में भगवान श्री के पंचामृत अभिषेक किया गया और फिर जल से अभिषेक कर इत्राभिषेक किया गया. इस दौरान 351 महिलाएं कलश यात्रा लेकर मंदिर पहुंची. जिससे भगवान का अभिषेक हुआ. वहीं अभिषेक के बाद रक्षा सूत्र और हल्दी प्रसाद सभी भक्तों को निःशुल्क वितरित किए गए. भगवान श्री के ध्वज पूजन किया गया और नवीन ध्वज धारण किया गया. भगवान श्री के 1008 मोदक अर्पित किए गए.

भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक

पढ़ें- जयपुर में गणेश महोत्सव कार्यक्रम, मोदकों की झांकी से होगी शुरुआत

इससे पहले भगवान श्री गणेश जी महाराज के मोदकों की झांकी सजाई गई. जिसमें मुख्य मोदक 251 किलो के 2 मोदक, 5 मोदक 51 किलो के, 21 मोदक 21 किलो के, 1100 मोदक 1.25 किलो के और अन्य छोटे मोदकों की झांकी सजाई गई. इस दौरान भगवान श्री गणेश के फूलों के झरोके में विराजमान कराया गया. इस प्रसाद को बनाने के लिए करीब 2500 किलो घी, 3000 किलो बेसन, 9000 किलो शक्कर का इस्तेमाल किया गया. इस दौरान भगवान श्री को विशेष माणक और पन्ना युक्त मुकुट धारण कराया गया.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर
Last Updated : Aug 25, 2022, 1:54 PM IST

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