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तिवाड़ी कांग्रेस में और वाहिनी कार्यकर्ताओं का भाजपा में आना शुरू

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी व अरुण चतुर्वेदी की मौजूदगी में वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा जॉइन की.

भारत वाहिनी पार्टी के सदस्यों ने ली भाजपा की सदस्यता

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Published : Mar 27, 2019, 6:54 PM IST

जयपुर.संघनिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी के कांग्रेस का दामन थामने के दूसरे ही दिन भारत वाहिनी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भाजपा में घर वापसी हो चुकी है. वाहिनी के जयपुर शहर अध्यक्ष विमल अग्रवाल के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भाजपा मुख्यालय पहुंचकर पार्टी की सदस्यता ली.

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खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी व अरुण चतुर्वेदी की मौजूदगी में वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा जॉइन की. हालांकि वाहिनी से वापस भाजपा में आने वाले यह नेता व कार्यकर्ता पूर्व में भी भाजपा से जुड़े रहे हैं लेकिन घनश्याम तिवाड़ी के अलग पार्टी बनाए जाने के चलते ये सब भारत वाहिनी पार्टी में चले गए थे.

अब चूंकि घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.लिहाजा यह कार्यकर्ता संघ विचारधारा के चलते वापस भाजपा से जुड़ गए हैं. भाजपा में वापसी पर बोलते हुए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने कहा कि इन कार्यकर्ताओं के आने से भाजपा को लोकसभा चुनाव में और मजबूती मिलेगी.

तिवाड़ी ने तोड़ा वाहिनी का लोकतंत्र
घनश्याम तिवाड़ी भाजपा से इसलिए अलग हुए थे क्योंकि उन्हें लगता था कि भारतीय जनता पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नाम की कोई चीज बची ही नहीं लेकिन घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेस का दामन थामने से पहले अपनी भारत वाहिनी पार्टी में भी आंतरिक लोकतंत्र को तोड़ दिया. दरअसल घनश्याम तिवाड़ी द्वारा बनाई गई भारत वाहिनी पार्टी में संगठनात्मक रूप से जिला अध्यक्ष प्रदेश पदाधिकारी और कार्यसमिति सदस्य बनाए गए लेकिन कांग्रेस में जाने का फैसला घनश्याम तिवाड़ी का स्वयं का था और इस संबंध में उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों से चर्चा भी नहीं की.

यही कारण है कि आज जब भाजपा की सदस्यता लेने वाहिनी के जयपुर शहर अध्यक्ष विमल अग्रवाल आए तो उन्होंने यह बात भी स्वीकार की. अग्रवाल के अनुसार वह व्यक्तिगत रूप से घनश्याम तिवाड़ी को अच्छा नेता मानते हैं और उनके प्रति सम्मान भी रखते हैं लेकिन अब तिवाड़ी वैचारिक रूप से उनसे अलग हो चुके हैं. उनके अनुसार तिवाड़ी ने कांग्रेस में जाने का फैसला अपने स्तर पर लिया और इसकी जानकारी या चर्चा वाहिनी के पदाधिकारियों से भी नहीं की.

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