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जयपुर से होगी जोधपुर और बीकानेर मंडल के विद्युतीकरण प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग, पहले चरण में 611 करोड़ होंगे खर्च

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Published : Oct 15, 2019, 5:37 PM IST

रेलवे की ओर से पिछले दिनों देशभर के मंडलों में 11 अलग-अलग प्रोजेक्ट ऑफिस खोले गए थे. जिसमें एक प्रोजेक्ट ऑफिस जोधपुर में भी खोला गया था. जिसका कार्यभार जयपुर की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हरीश चंद्र मीणा को दे दिया गया है. बता दें कि इसमें जोधपुर और बीकानेर मंडल के अधीन 904 किलोमीटर लंबे रूट का विद्युतीकरण किया जाना है.

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जयपुर.रेलवे की ओर से पिछले दिनों देशभर के अलग-अलग मंडलों में 11 प्रोजेक्ट ऑफिस खोले गए थे. जिसमें से एक ऑफिस उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में भी बनाया गया था. इसमें जयपुर- जोधपुर के बीच और बीकानेर मंडल में होने वाले विद्युतीकरण से जुड़े कार्यों की निगरानी की जानी थी. लेकिन अब 5 माह बाद इस ऑफिस को जयपुर प्रोजेक्ट में शिफ्ट कर दिया गया है. जिसके बाद से अब जयपुर- जोधपुर के बीच स्वीकृत विद्युतीकरण के कार्य की जयपुर से ही मॉनिटरिंग और कंट्रोलिंग की जाएगी.

रेलवे ने देशभर के अलग-अलग मंडलों के लिए खोले 11 प्रोजेक्ट ऑफिस

वहीं, भविष्य में जोधपुर और बीकानेर मंडलों में होने वाले विद्युतीकरण से जुड़े कार्य को भी जयपुर से ही निष्पादित किया जाएगा . पहले चरण में दोनों मंडल के करीब 904 किलोमीटर लंबे रूट पर विद्युतीकरण होना है. लेकिन यह प्रोजेक्ट अभी टेंडर में ही आगे बढ़ता नजर आ रहा है. अब उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर हरीश चंद्र मीणा इसकी कमान संभालेंगे. इस दौरान हरीश मीणा ने कहा कि जयपुर डिवीजन को यह काम इसलिए दिया गया है, क्योंकि जयपुर डिवीजन के पास ही हेड क्वार्टर है. ऐसे में किसी भी मीटिंग या किसी भी तरह का निर्णय लेना होता है तो वह हेड क्वार्टर से तुरंत ले लिया जाता है. जिसकी वजह से यह कार्य अब जयपुर को मिला है.

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पहले चरण में 611 करोड़ रुपए होंगे खर्च

बता दें कि रेल बजट में पिछले कई साल से उत्तर पश्चिम रेलवे की अटकी सूरतगढ़-फलोदी -जोधपुर -समदड़ी - भीलड़ी तक 904 किलोमीटर लाइन पर विद्युतीकरण किया जाना है. केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन कोर ने निर्माण सामग्री खरीद प्रोजेक्ट तैयार करने वाले इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंट्रक्शन मोड पर इसे मूर्त रूप देने की तैयारी कर ली है. ईपीसी पर कार्य होने के कारण इसके पूरे होने के दिन भी तय है जो ढ़ाई से 3 साल रखे जाएंगे. करीब 611 करोड रुपए इस प्रोजेक्ट पर खर्च भी होनेन को है.

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