जयपुर. कर्मवीर, यानि ऐसे योद्धा जो अपने फर्ज के लिए अंतिम सांस तक लड़ते हैं, लोगों की रक्षा करते हैं. करौली में फूल बरसा रहे लोग शायद इस बात को समझते हैं कि कोरोना महामारी से जीत दिलाने वाले असली योद्धा यही हैं. कुछ ऐसी ही दूसरी तस्वीरे मारवाड़ जंक्शन पाली जिले की है और तीसरी तस्वीरें टोंक जिले के निवाई इलाके से हैं. लेकिन टोंक जिले के ही दूसरे इलाके के ये लोग इस बात बिलकुल नहीं समझते. यहां तो कोरोना योद्धाओं पर ही हमला किया जाता है. दौड़ाया जाता है और उनके साथ मारपीट की जाती है.
राजस्थान के टोंक में 17 अप्रैल को एक भीड़ बेकाबू होई. कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन का पालन करवाने पुलिस गई तो कसाईबाड़ा के लोगों का नागवार गुजरा. पुलिस की टीम, लोगों से अपने घरों में जाने की अपील ही कर रही थी कि गलियों से हूजुम निकल पड़ा. एक खास वर्ग विशेष के लोगों ने लाठी-सरिया और दूसरे धारदार हथियार से हमला बोल दिया जिसके में कई पुलिसकर्मी गंभीर रुप से घालय हो गए.
डीजीपी की चेतावनी के बाद भी हमले:
पुलिसकर्मियों का का मनोबल बढ़ाने के लिए अगले दिन खुद डीजीपी भूपेन्द्र यादव टोंक पहुंचे, जवानों से मिले, आरोपियों पर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही कुछ आरोपी गिरफ्तार भी हुए. लेकिन कुछ घंटों बाद ही बाड़मेर जिला मुख्यालय के पास ही सरकारी कार्यालय की एक महिला पर कुछ महिला और पुरुषों ने जानलेवा हमला किया कर दिया.
- गरीब लोगों को वितरित की जा रही थी खाद्य सामाग्री
- कुछ महिला और पुरुषों ने मिलकर किया हमला
- कुर्सियां तोड़ी, कर्मचारियों के साथ मारपीट की