जयपुर.कर्नाटक और गोवा में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल छाने के बाद अब बीजेपी की ओर से गहलोत सरकार को लेकर भाजपा विधायक बयानबाजी कर रहे हैं. पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने भी कहा है कि राजस्थान में जल्द ही मध्यवर्ती चुनाव हो सकते हैं. वहीं विधायक कृष्णा पूनिया, प्रशांत बैरवा, बाबूलाल नागर ने इसे बीजेपी का सपना बताया है.
पूर्व मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार और संगठन में उथल-पुथल जारी है. प्रदेश में जल्द ही मध्यावधि चुनाव के हालात बन सकते हैं. विधायक सराफ के अनुसार पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पसंद नहीं करते. गहलोत विरोधी पायलट को नापसंद करते हैं. यही कारण है कि राजस्थान कांग्रेस में जल्दी बड़ी उठापटक होगी क्योंकि अब उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इस्तीफा दे दिया है.
राजस्थान में हो सकते हैं मध्यावधि चुनाव: विधायक कालीचरण सराफ पूनिया और बेरवा ने कहा 5 साल रहेगी राजस्थान में कांग्रेस सरकार
वहीं कालीचरण सराफ वासुदेव देवनानी और अशोक लाहोटी के बयानों को कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया और प्रशांत बैरवा ने सिरे से खारिज कर दिया है. कृष्णा पूनिया के अनुसार पीसीसी चीफ सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मिलकर मजबूती से प्रदेश सरकार और संगठन संभाल रहे हैं. अगले 5 साल तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहेगी. विधायक प्रशांत बैरवा ने इस बात की संभावना जरूर जताई है. उन्होंने कहा है कि भाजपा राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सकती है लेकिन यह भी कहा कि कांग्रेस के विधायक पूर्ण निष्ठा से पार्टी के साथ जुड़े हैं. ऐसे में भाजपा का सपना यहां कभी पूरा नहीं हो पाएगा.
12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस को मानते हैं अपनी मां- बाबूलाल नागर
पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रहे और इस बार निर्दलीय विधायक के रूप में विधानसभा पहुंचे. बाबूलाल नागर ने भी भाजपा विधायकों के इस बयान को मुंगेरीलाल के हसीन सपने करार दिया है. नागर के अनुसार विधानसभा में 12 निर्दलीय विधायक तो ऐसे हैं जो आज भी कांग्रेस को अपनी मां मानते हैं. प्रदेश की सरकार में उन्हें पूरा विश्वास है. विधायक नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत एक जनप्रिय नेता हैं. उन्हें आम जनता के साथ ही भाजपा के भी कुछ विधायक भी पसंद करते हैं.