जयपुर.राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अनुदान मांगों पर बहस के दौरान आदिवासियों हिन्दू हैं या नहीं पर भी चर्चा हुई. कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने आदिवासी हिन्दू नहीं होने और 1951 के आदिवासी कोड को फिर लागू करने की बात कही, तो भाजपा विधायक समाराम गरासिया ने आदिवासियों को हिंदू बताते हुए कहा कि जो लोग आदिवासी को हिंदू नहीं मानते, उन्हें डीलिस्ट किया जाए.
गणेश घोघरा ने कहा कि 1951 में आदिवासियों का धर्म कोड 9 नंबर था. 2011 में उस धर्म कोड को हटा दिया गया. पहले आदिवासियों का अलग से कॉलम था, जिसे हटा दिया गया. घोघरा ने कहा कि मैं किसी धर्म या जाति का विरोध नहीं कर रहा, लेकिन जैन धर्म के लोग 54 लाख हैं, उनके लिए धर्म कोड है. लेकिन आदिवासियों के लिए जाति के लिए कोई कॉलम नहीं है. घोघरा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों का धर्म कोड अलग से लागू करे. घोघरा ने इस दौरान जातिगत जनगणना होनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम 1995 सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने आदिवासियों को हिंदू नहीं माना है. हमें ना ब्राह्मण, ना शूद्र, ना क्षत्रिय और ना ही वैश्य माना. उन्होंने कहा कि आदिवासी कभी किसी का गुलाम नहीं रहा. आदिवासी स्वतंत्र है. आदिवासी प्रकृति पूजक है. ऐसे में जातिगत जनगणना होनी चाहिए और हमारा आदिवासी कोड अलग से होना चाहिए था. 1951 में आदिवासियों की जो कॉलम संख्या 9 थी, उसे वापस चालू करें.