जयपुर.राजधानी जयपुर में 19 से 23 जनवरी तक लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया (Jaipur Literature Festival 2023) जाएगा. इस साहित्य के मेले में समकालीन कलाकारों के साथ ही देशज (कबायली/पारम्परिक) प्रतिभाओं को भी प्रदर्शित किया जाएगा. देश के तीन नामी कलाकारों की संयुक्त कलाकृति 'विश्वरूप' इसका नायाब उदाहरण होगा. वहीं 2015 से जेएलएफ में शुरू हुआ ओजस अवार्ड भी इस फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण रहेगा.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16वें संस्करण में गोंड कला (मध्य प्रदेश), मधुबनी-मिथिला कला (बिहार), भील कला (मध्य प्रदेश),पत्तचित्र कला (बंगाल), वर्ली कला (महाराष्ट्र) और पत्तचित्र कला (ओडिशा) की कुछ महान कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा. फेस्टिवल में पद्मश्री से सम्मानित कलाकार भी अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे. जेएलएफ 2023 में पेश होने वाली कलाकृति विश्वरूप में श्याम की गोंड, दास की मिथिला और कामथ की विशेष कला का मिश्रण देखने को मिलेगा.
पढ़ें. JIFF 2023 : मशहूर कलाकारों की 6 Web Series की होगी स्क्रीनिंग, OTT पर चर्चित वेब सीरीज भी दिखाई जाएगी
विश्वरूप कलाकृति में गोंड कला के पदमश्री से सम्मानित (Vishwaroop In Jaipur Literature Festival) भज्जू श्याम, विजुअल आर्ट के साधक मंजूनाथ कामथ और मिथिला कलाकार संतोष कुमार दास की कारीगरी देखने को मिलेगी. इन तीनों कलाकारों ने विश्वरूप को अपने सिग्नेचर स्टाइल से निखारा है. कलाकृति का निर्माण 8 फुट के वसली पेपर पर स्याही के इस्तेमाल से किया गया. इस कलाकृति में तीनों कलाकारों ने बारीकी से काम किया है. इसमें ये समझना मुश्किल है कि एक कलाकार का काम कहां खत्म हो रहा है और दूसरे का कहां शुरू. इस आर्टवर्क में देशज और समकालीन कला की ख़ूबसूरती साफ नजर आती है.
ओजस आर्ट के डायरेक्टर अनुभव नाथ ने कहा कि इस साल ओजस आर्ट जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16वें संस्करण में देशज और समकालीन कलाओं का मिश्रण पेश करेगा. तीन कलाकारों की ओर से निर्मित एक कलाकृति 'विश्वरूप' को भी फेस्टिवल में पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि फेस्टिवल में पहुंचने वाले श्रोताओं को विश्वरूप जैसी कई अद्भुत कलाकृतियों को देखने का अवसर मिलेगा.