जयपुर. कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत ने सोमवार को शिक्षक संगठन और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों से उनकी मांगों को पूरा करने की एवज में दोबारा सरकार बनवाने का वादा मांगा. शिक्षा संकुल में नारेबाजी कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों से रावत ने ओपीएस और आरजीएचएस के बाद तो कर्मचारियों को कोई मांग नहीं करनी की बात कही. साथ ही कहा कि यदि वो सरकार दोबारा ले आएं तो ये वादा करती हैं कि उनकी मांगों को वो पूरा करेंगी.
शकुंतला रावत सोमवार को शिक्षा संकुल पहुंची थीं. इस दौरान वो शिक्षकों और कर्मचारियों की मांगें सुनने के लिए बाहर मिट्टी में ही बैठ गईं. इस दौरान उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना और आरजीएचएस के बाद तो कोई मांग करनी ही नहीं चाहिए. इस पर शिक्षकों ने कहा कि ओपीएस और आरजीएचएस की वजह से ही वो मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं, नहीं तो मुर्दाबाद के नारे लगाते. इस पर मंत्री ने कहा कि 2023 में वोट दोगे, जिंदाबाद तब देखेंगे. इस पर शिक्षक नेता ने कहा कि पोलिंग बूथ पर तो शिक्षक ही जाएगा पोल कराने. वहीं, एक अन्य शख्स ने कहा कि घर और रिश्तेदारों के वोट कांग्रेस को ही डलवाएंगे.
पढ़ें :पार्षदों का धरना समाप्त, उद्योग मंत्री ने दिया मांगों के निस्तारण का आश्वासन
बाद में मंत्री से वार्ता के बाद शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से अगस्त 2021 में व्याख्याता की पदोन्नति के लिए नए नियम लाए गए. शिक्षकों ने मांग की कि अगस्त 2021 से पहले जिन भी शिक्षकों ने यूजी और पीजी असमान विषय में की है, उन्हें छूट दी जाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष इस मांग को रखने के लिए वो यहां इकट्ठा हुए थे, लेकिन सीएम का कार्यक्रम स्थगित होने के चलते कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत को ज्ञापन सौंपा गया है. मंत्री को बताया गया कि बीते डेढ़ साल से शिक्षक इस नियम में संशोधन के लिए संघर्षरत है और अब भी संशोधन नहीं होता है तो शिक्षक स्ट्राइक करेंगे. इस पर मंत्री शकुंतला रावत ने आश्वस्त किया है कि शिक्षकों की इस मांग को पूरा कराया जाएगा. इससे 21 हजार वरिष्ठ अध्यापक बतौर व्याख्याता पदोन्नत होंगे. जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षक द्वितीय श्रेणी में पदोन्नत होंगे. बीते 3 सत्रों से अटकी करीब 50 हजार पदोन्नति का रास्ता खुलेगा.
उधर ग्रेड पे बढ़ाने, कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम योग्यता स्नातक करने, वरिष्ठ लिपिक के पदों में बढ़ोतरी करने जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत मंत्रालयिक कर्मचारी भी शिक्षा संकुल पहुंचे. हालांकि, यहां सीएम के कार्यक्रम स्थगित होने की वजह से कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. बाद में उन्होंने भी मंत्री शकुंतला रावत के सामने ही अपनी मांगें रखी. जिस पर मंत्री ने उन्हें भी आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देकर सरकार बनवाने का वादा लेकर कर्मचारियों की बात उचित स्तर पर रखने का आश्वासन दिया.