जयपुर .राजस्थान में 25 सितंबर 2022 को हुई समानांतर विधायक दल की बैठक और विधायकों के इस्तीफे के समय सचिन पायलट का खुलकर विरोध करने वाले और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिपहसालार व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास इन दिनों मुख्यमंत्री से नाराज हैं. इस बात को मंत्री ने भी स्वीकार किया है. अब सवाल यह है कि मंत्री खाचरियावास सार्वजनिक बयान देकर मुख्यमंत्री से अपनी नाराजगी क्यों जता रहे हैं.
नाराजगी कब हुई शुरू :बता दें कि अक्टूबर 2022 में मंत्री खाचरियावास के घर सचिन पायलट अचानक पहुंचे और फिर बंद कमरे में दोनों के बीच लंबी वार्ता हुई थी. मुलाकात के बाद ही मंत्री ने अधिकारियों की एसीआर भरने के मामले में अपनी नाराजगी जताई. जिसको सरकार ने अनसूनी कर दी. मंत्री की नाराजगी उस समय और बढ़ गई जब सीएम की बजट घोषणा में एनएफएसए परिवारों को 3000 करोड़ के सालाना बजट वाले फूड पैकेट बांटने के काम में नोडल एजेंसी खाद्य विभाग के बजाय आईसीडीएफ विभाग के कॉनफेड को देने का निर्णय लिया. उस घोषणा से आहत मंत्री ने कहा कि जब हमारे विभाग का काम दूसरे विभाग को ही देना है तो फिर मेरा विभाग बंद कर दिया जाए. इसके बाद मंत्री खाचरियावास ने सचिन पायलट के विधायक दल की बैठक बुलाने की बात पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि एक समुह अगर हावी होता है तो यह कांग्रेस के लिए सही नहीं है. ऐसे में सचिन पायलट की विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग वाजिब है और आलाकमान को गौर करना चाहिए.
ऐसे बढ़ी मंत्री खाचरियावास की मुख्यमंत्री गहलोत से नाराजगी :कभी सचिन पायलट के विश्वस्त माने जाने वाले मंत्री खाचरियावास जुलाई 2020 में पायलट के मानेसर जाने के निर्णय पर उनसे अलग होकर अशोक गहलोत खेमे में आ गए. इसके बाद 25 सितंबर 2022 तक वह मुख्यमंत्री के सबसे विश्वस्त नेताओं की लिस्ट में रहे. यहां तक कि जब समानांतर विधायक दल की बैठक चल रही थी तो मंत्री खाचरियावास मुख्यमंत्री गहलोत के साथ तनोट माता के दर्शन करने चले गए. वापसी के बाद जब विधायकों ने इस्तीफे की बात कही तो मंत्री खाचरियावास ने कहा था कि मुख्यमंत्री विधायकों की पसंद से बनता है और उन्होंने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
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सचिन पायलट के साथ खाचरियावास के निवास पर चली मीटिंग के बाद आया बदलाव :अभी हंगामा शांत भी नहीं हुआ था कि 3 अक्टूबर को अचानक सचिन पायलट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर पहुंचे. बंद कमरे में मंत्री प्रताप सिंह और सचिन पायलट के बीच करीब 2 घंटे तक वार्ता चली. उसके बाद भले ही मंत्री प्रताप सिंह कहते रहे कि यह एक सामान्य मुलाकात थी और वह मुख्यमंत्री गहलोत के साथ हैं. परंतु चार दिन पूर्व पहले ही मंत्री खाचरियावास ने सचिन पायलट की ओर से विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की मांग का समर्थन किया. इससे लगता है कि उनके दिल में सचिन पायलट के लिए सॉफ्ट कॉर्नर बन रहा है.