जयपुर.यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पानी पिलाने वाले बयान पर प्रदेश कांग्रेस में बावल मचा है. अब इसको लेकर उनके ही सहयोगी व गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शुक्रवार को निशाना साधा. उन्होंने कहा कि धारीवाल एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता होने के साथ ही मौजूदा सरकार में एक बड़े मंत्री भी हैं. ऐसे में उनके इस तरह के बयान से राज्य में कांग्रेस कमजोर हो रही है. दरअसल, मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अच्छों-अच्छों को पानी पिलाया है. वहीं, धारीवाल के इस बयान की मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि अगर सरकार में बड़े पदों पर बैठे वरिष्ठ नेता ही इस तरह की सार्वजनिक मंचों से बयान देंगे तो कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान होगा.
कांग्रेस अच्छे बहुमत के साथ सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. लेकिन जो ये बड़े नेता डायलॉगबाजी और गुटबाजी की बात कर रहे हैं, उससे पार्टी कमजोर हो रही है. इस दौरान खाचरियावास ने राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच सब का अधिकार है और वो अपने अधिकार के दायरे में अगर कुछ कर रहे हैं तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है.
धारीवाल को उम्र देखकर डायलॉगबाजी करनी चाहिए - मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने धारीवाल के बयान पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि ये वक्त डायलॉगबाजी का नहीं है, बल्कि गले मिलकर एक साथ राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को मजबूत करने का है. ऐसे में जो भी नेता इस वक्त डायलॉगबाजी कर रहे हैं, उन्हें किसी भी सूरत में रोकना होगा, वरना ये लोग पार्टी को कमजोर कर देंगे. उन्होंने कहा कि ज्यादातर नेता केवल व केवल बड़े नेताओं को खुश करने के लिए ऐसे डायलॉग मार रहे हैं. उन्हें पार्टी की कोई फिक्र नहीं है. खैर, अनुशासन सब पर लागू है. जहां तक बड़े नेताओं का सवाल है तो उन पर अधिक जिम्मेदारी है. अगर वो ही इस तरह से अमर्यादित बयान देंगे तो पार्टी में एकता खत्म होगी और फूट की स्थिति बनेगी, जो आगे चलकर नुकसानदेह साबित होगी. खाचरियावास यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि कार्यकर्ता अपनी आवाज उठा सकते हैं, लेकिन नेता इस तरह की भाषा नहीं बोल सकते हैं. उन्हें अपनी उम्र को भी देखना चाहिए.