जयपुर. कांग्रेस के 25 सितंबर का जिन्न बोतल से बाहर फिर आ गया है. इसी दिन 91 विधायकों ने आलाकमान की उम्मीदों के खिलाफ जाकर स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा थमा दिया था. वो इस्तीफा आज तक मंजूर नहीं किया गया है. बस इसको ही आधार बनाकर राजेन्द्र राठौड़ ने हाईकोर्ट का रुख किया. इस्तीफे के 65 दिन बाद राठौड़ ने पीआईएल दाखिल की (Rathore PIL in HC ).
चांदना बोले हां दिया इस्तीफा- अब बयानों का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस नेताओं ने राठौड़ के इस कदम को अपने तरीके से परिभाषित किया है. गहलोत के मंत्री अशोक चांदना ने तो चुनौती भरे अंदाज में स्वीकार किया है. कहा है कि हां उन्होंने इस्तीफे दे रखे हैं और उनके इस्तीफ़ों पर अंतिम निर्णय स्पीकर सीपी जोशी को लेना है, फैसला उन्हें करना है (Congress MLA Resignation Row). पीआईएल दाखिल करने वाले उप नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र राठौड़ को लेकर उन्होंने कहा कि राजेंद्र राठौड़ को तो इसी तरह से कूद कूद कर गिरना है इनका और कोई काम नही है.
'भाजपा की धुलाई तय'- इसके साथ ही चांदना ने कहा कि जिस तरह से जनता के शानदार काम हो रहे हैं, शानदार योजनाएं बनाई हैं उससे साफ है कि युवा,बुजुर्ग सब कांग्रेस के साथ हैं. इस नाते इन्हें कोई और रास्ता नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा की 2018 विधानसभा चुनाव में जो धुलाई की थी उससे ज्यादा बुरी धुलाई भाजपा की 2023 में होने वाली है. राजेंद्र राठौड़ की तड़प बता रही है कि इन्हें कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. चांदना ने कहा कि जिन्होंने इस्तीफे दिए स्पीकर को दिए हैं, किसी ने उसका खंडन भी नहीं किया, और अब इस्तीफों पर स्पीकर जो फैसला करेंगे वह सबको मंजूर होगा.