जयपुर. माइंस विभाग की विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना, 2022 में अब तक 565 प्रकरणों में 36 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि जमा हो गई (Mines department earning from amnesty scheme) है. गत 29 अगस्त को जारी हुए आदेश से 6 महीने के लिए लागू विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना में फील्ड अधिकारियों को संबंधित बकायादारों से सीधे संपर्क कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं. योजना के अनुसार 129 करोड़ से अधिक के प्रकरणों का निस्तारण हो गया है.
एसीएस माइंस डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना, 2022 अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी के लिए जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है. योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है. जिन बकायादारों में केवल ब्याज राशि बकाया है, उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता को स्वतः माफ करने के निर्देश दिए गए हैं. माइंस विभाग की यह बकाया व ब्याजमाफी योजना 29 अगस्त को आदेश जारी कर 6 माह के लिए लागू की है.
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