जयपुर. 45 साल सेना में सेवा देने के बाद अब एमआई-8 हेलिकॉप्टर छात्रों के अध्ययन के लिए काम आएगा. मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) में एमआई-8 (प्रताप हेलिकॉप्टर) इंस्टॉल किया जा रहा है. बीटेक मैकेनिकल, आर्किटेक्चर, सिवल सहित अन्य ब्रांच के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के अध्ययन के लिए ये विमान काम आएगा. साथ ही स्टूडेंट्स को डिफेंस सर्विसेज में जाने के लिए भी मोटिवेशन मिलेगा.
एमएनआइटी ने इंडियन एयरफोर्स के मिग विमान को प्रोक्योर करने के लिए करीब एक साल पहले प्रस्ताव तैयार कर एयर हैडक्वाटर को भेजा था. हाल ही में इसे हरी झंडी मिली. इसके बाद एयरफोर्स की टीम ने एमएनआइटी का दौरा कर जगह फाइनल की थी. हालांकि मिग की जगह एमआई 8 को अप्रूवल मिली है. इसे ओपन थिएटर के पास बने सर्किल पर इंस्टॉल किया जा रहा है. इसका प्लेटफॉर्म तैयार हो गया (MI 8 helicopter installation in MNIT Jaipur) है.
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हेलिकॉप्टर को एयरफोर्स के विशेषज्ञ ही असेंबल कर रहे हैं. उनकी मानें तो ये हेलिकॉप्टर 12 टन वजन उठा सकता था. इसमें 24 पैसेंजर ट्रेवल कर सकते थे. इसे साल 1970 के बाद सेना में शामिल किया गया था. 45 साल अपनी सेवाएं देने के बाद इसे रिटायर कर दिया गया था. एयरफोर्स विमान स्टूडेंट्स के अध्ययन के साथ-साथ देश प्रेम की भावना भी जागृत करेगा. आपको बता दें कि वायुसेना के एयरक्राफ्ट की विश्वसनीयता बढ़ाकर दुर्घटनाओं की दर कम करने के लिए एमएनआइटी के स्टूडेंट्स और टीचर्स सॉल्यूशन तैयार कर रहे हैं.
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प्लेन, हेलिकॉप्टर से लेकर अन्य पार्ट्स में आने वाली तकनीकी कमियों का पता लगाकर पार्ट्स को अपडेट करने के लिए भी एमएनआइटी की ओर से सुझाव दिए जा रहे हैं. इससे पहले एमएनआइटी सेना के वाहनों के लिए बुलेट प्रूफ शीट भी तैयार कर चुकी है. वहीं अब वायुसेना के एयरक्राफ्ट और ऐरो इंजन के लिए एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी से सॉल्यूशन तैयार किए जा रहे हैं.