जयपुर. प्रदेश में 24 अप्रैल से शुरू होने वाले महंगाई राहत कैम्प से सरकारी स्कूलों के लिए भी सुविधाओं के नए द्वार खुलेंगे. राज्य में संचालित हो रहे जिस सरकारी स्कूल के पास भवन या खेल के मैदान नहीं है, वो पट्टे के लिए एप्लीकेशन दे सकेंगे. सरकार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अपने क्षेत्र के नोडल प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है.
शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रदेश में किसी स्कूल के पास जमीन का पट्टा नहीं है तो 24 अप्रैल से लगने वाले राहत कैम्प में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी स्कूलों से प्रस्ताव तैयार कर पट्टे के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसी तरह यदि किसी स्कूल के जमीन या खेल के मैदान पर कोई अतिक्रमण है तो इसकी शिकायत पर पंचायत को राजस्व प्रशासन की सहायता से अतिक्रमण दूर करवाने की कार्रवाई करनी होगी. इसके अलावा भौतिक संसाधनों की पूर्ति के लिए कक्षा, लैब, खेल का मैदान और दूसरे आवश्यक भौतिक संसाधनों की कमी है तो प्रस्ताव तैयार कर पंचायत भामाशाहों के जरिए ज्यादा से ज्यादा पूर्ति कराई जाएगी.
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इसके अलावा नए स्कूल खोलने, स्कूल क्रमोन्नत, अतिरिक्त संकाय शुरू करने, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू करने, नए भवन का निर्माण करवाने का काम भी विभागीय अधिकारियों को करना होगा. साथ ही नए सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए प्रवेश कार्यक्रम भी चलाया जाएगा. पंचायत वार्ड क्षेत्र में अनामांकित ड्रॉप आउट छात्रों को स्कूल में एडमिशन दिलवाया जाएगा. शिविर में कोई छात्र एडमिशन के लिए आवेदन करता है तो उसे एडमिशन दिलवाने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की होगी.
साथ ही राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, विभिन्न स्कॉलरशिप, निशुल्क पाठ्यपुस्तक, निशुल्क यूनिफॉर्म, मिड डे मील, साइकिल, स्कूटी, लैपटॉप वितरण का प्रमोशन किया जाएगा. सरकार की फ्लैगशिप कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करने का जिम्मा भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों का होगा.
कैम्प में विभागीय अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी :
1.मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी - जिला स्तर पर नोडल अधिकारी
2. मुख्य ब्लॅाक शिक्षा अधिकारी - ब्लॉक स्तर का नोडल अधिकारी
3.पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी - पंचायत स्तर का नोडल अधिकारी
4.शहरी कलस्टर शिक्षा अधिकारी - वार्ड स्तर पर नोडल प्रभारी
इन अधिकारियों को राहत कैम्प में उपस्थित होना होगा. हर शिविर में शिक्षा विभाग का अलग काउंटर भी लगाया जाएगा, जिस पर विभाग की प्रोत्साहन योजनाओं के दस्तावेज भी रखे जाएंगे. काउंटर के पीछे शिक्षा विभाग का बैनर होगा. शिविर में शिक्षा विभाग के कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट राजस्व विभाग को देनी होगी.