जयपुर. जम्मू-कश्मीर सहित पांच राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. मलिक ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने का फैसला करे, नहीं तो वापस से एक बार फिर आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से काला दिवस मनाया जाएगा. केंद्र को घेरते हुए मलिक ने कहा कि अडानी ने हरियाणा में गेहूं के गोदाम भर दिए, जबकि किसानों के गेहूं का उन्हें दाम ही नहीं मिल रहा है. गुजरात मॉडल की बात करते हुए कहा कि मोदी मॉडल फेल हो गया है.
एमएसपी के लिए होगा फिर आंदोलन : सत्यपाल मलिक ने कहा कि आने वाले दिनों में एमएसपी के लिए गोली चलेगी, लाठी चलेगी और लोग मरेंगे भी. इस मुद्दे को लेकर किसान आंदोलन करेंगे. सयुंक्त किसान मोर्चा के लोग इसके लिए तैयारी (Farmer Protest on MSP) कर रहे हैं और मैं उनके सहयोग में हूं. आंदोलन फिर से खड़ा होगा. इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी. किसानों के साथ छल किया जा रहा है. उन्हें धोखा दिया गया है. अब ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने का फैसला करे नहीं तो वापस से एक बार फिर आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से काला दिवस मनाया जाएगा.
अडानी के गोदाम में भर दिया गेहूं : पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हरियाणा में अडानी के गोदाम में गेहूं के भंडार लगा दिए गए हैं और किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही है. ऐसे कैसे चलेगा, किसान परेशान हैं और सरकार मस्त है. पेंशन खत्म की जा रही है. केंद्र सरकार पूरी तरह से बेफिक्र है. तीनों कृषि कानून को वापस लेने के बाद पीएम ने कहा था कि जल्द ही एमएसपी पर फैसला लिया जाएगा. वो फैसला अभी तक नहीं हुआ. एमएसपी को लेकर किसान क्या करें?. उन्होंने कहा कि किसानों के हितों के लिए लड़ता रहूंगा. मलिक ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन किसानों के हित के लिए सरकार से भी लड़ना पड़े तो मैं लडूंगा. उन्होंने कहा कि न ही किसी दल के साथ जाएंगे? किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे और समर्थन में बैठेंगे भी.