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लोकसभा चुनाव में हार पर दिल्ली में मंथन, प्रत्याशियों ने बताए ये चार प्रमुख कारण - लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 25 की 25 सीटों को गंवाने के बाद सोमवार को कांग्रेस के आलाकमान ने दिल्ली में सभी प्रत्याशियों की बैठक बुलाई. वहीं इससे पहले कोई भी प्रत्याशी सोशल मीडिया या मीडिया में अपना गुस्सा तो जाहिर नहीं किया. लेकिन अविनाश पांडे के सामने सभी का गुस्सा फूट पड़ा. लगभग सभी अपने मतानुसार अन्य नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नजर आए.

लोकसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस की मंथन

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Published : Jun 17, 2019, 11:51 PM IST

जयपुर.राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव में प्रदेश की सभी 25 की 25 सीटें गंवाने के बाद अब तक ज्योति खंडेलवाल को छोड़कर उन नेताओं के बयान सामने आ रहे थे, जो चुनाव नहीं लड़े थे. लेकिन जैसे ही चुनाव लड़े प्रत्याशियों को आलाकमान ने फीडबैक के लिए बुलाया. इसी के साथ चुनाव लड़े सभी प्रत्याशियों का गुस्सा गुबार बनकर फूट पड़ा.

उन लोगों ने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के सामने ही हार के कारण बताए, जो शायद उनको भी उम्मीद नहीं थी. उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन नेताओं ने हार के चार कारण...कांग्रेस के नेताओं की गुटबाजी, जिला स्तर पर संगठन का मजबूत नहीं होना, स्थानीय नेताओं का कांग्रेस प्रत्याशी के प्रति असहयोग और पार्टी के खिलाफ काम करना बताया. यह सब कारण कांग्रेस के उन नेताओं ने बताए हैं जो खुद चुनाव के प्रत्याशी रहे हैं और चुनाव में उठाए गए कदम से वाकिफ हैं.

लोकसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस की मंथन

दरअसल, सोमवार को अविनाश पांडे ने राजस्थान के तमाम लोकसभा प्रत्याशियों को दिल्ली बुलाया और एक-एक कर उनसे हार के कारणों का फीडबैक लिया. दिल्ली में कांग्रेस प्रत्याशी सविता मीणा, बद्रीराम जाखड़, रामपाल शर्मा, प्रमोद शर्मा, देवकीनंदन गुर्जर उर्फ काका, राम नारायण मीणा, ताराचंद भगोरा, रतन देवासी, कृष्णा पूनिया और वैभव गहलोत ने हार के कारणों का फीडबैक आलाकमान के तौर पर बैठक में मौजूद अविनाश पांडे, विवेक बंसल और तरुण कुमार को बताया. बाकी बचे सांसद प्रत्याशी मंगलवार को अपना फीडबैक सौंपेंगे.

वहीं सोमवार को फीडबैक देने वाले ज्यादातर प्रत्याशियों ने साफ तौर पर हार के लिए पार्टी को ही जिम्मेदार ठहराया. ज्यादातर नेताओं ने गुटबाजी और पार्टी के खिलाफ पार्टी के नेताओं का काम करना और प्रत्याशियों के सहयोग नहीं करने के आरोप लगा दिए. इसमें कई नेताओं ने तो खुलकर अपने क्षेत्र से जीते हुए विधायकों के भी नाम गिना दिए.

ऐसे में अब कांग्रेस के इन नेताओं को पार्टी ने लिखित में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इसमें से चार नेता ऐसे भी हैं, जिन्होंने पायलट और गहलोत के बीच चल रही गुटबाजी को भी हार के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया. वहीं राम नारायण मीणा ने वही बात आलाकमान के सामने रखी, जो उन्होंने मीडिया के सामने कुछ दिन पहले कही थी. उन्होंने कहा था कि दोनों बड़े नेताओं ने अपना स्वार्थ नहीं छोड़ा तो और नुकसान राजस्थान में कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है.

रतन देवासी बोले कांग्रेस के बागी निर्दलीय विधायकों को न दें तवज्जो. वो सरकार की मलाई भी खा रहे हैं और कांग्रेस के खिलाफ काम भी कर रहे हैं. आगे किस पार्टी से लड़ेंगे इसका पता नहीं. बैठक में जालौर से लोकसभा प्रत्याशी रहे रतन देवासी भी पहुंचे थे और जानकारों की माने तो उन्होंने एक बार फिर से अपनी हार के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार संयम लोढ़ा को बता दिया.

पार्टी सूत्रों के अनुसार रतन देवासी ने तीनों नेताओं के सामने साफ तौर पर कहा कि पार्टी ऐसे बागी निर्दलीय उम्मीदवार पर ज्यादा भरोसा जता रही है. जो पहले तो खुद पार्टी के खिलाफ बगावत करके चुनाव लड़े और फिर लोकसभा चुनाव में भी उनको नुकसान पहुंचाया. देवासी ने तो यहां तक कह दिया कि अभी तो यह भी नहीं पता कि आगे आने वाले चुनाव में यह नेता कौन सी पार्टी का दामन थाम लेंगे. वहीं एक ब्राह्मण प्रत्याशी बोले कि क्या पार्टी के पास ब्राह्मण स्टार प्रचारकों की कमी थी. जो घनश्याम तिवाड़ी को ब्राह्मण नेता के तौर पर भेजा.

फीडबैक बैठक में एक ब्राह्मण प्रत्याशी जो बहुत बड़ी हार इन चुनावों में झेल चुके हैं. अपनी नाराजगी जताते हुए सीधा सवाल ही अपने आलाकमान से कर दिया कि उनके यहां कांग्रेस के नेताओं ने तो नुकसान किया ही है. लेकिन क्या कारण था कि कांग्रेस ने अपने ब्राह्मण नेताओं पर भरोसा नहीं किया और घनश्याम तिवाड़ी को एक बड़े ब्राह्मण नेता और स्टार प्रचारक के तौर पर उनके क्षेत्र में प्रचार के लिए भेजा.

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