जयपुर.नगर निगम में सत्ता परिवर्तन के बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई. जिसके चलते समिति चेयरमैन हो या नेता प्रतिपक्ष कोई भी अपने मुद्दों पर काम नहीं कर पाए. इसी को ध्यान में रखते हुए और विपक्ष की भूमिका अदा करते हुए कांग्रेसी पार्षद मुख्यालय में इकट्ठा हुए.
निगम के कांग्रेसी पार्षदों की बैठक हालांकि इस दौरान बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए पार्षदों को नहीं बुलाया गया. इस पर नेता प्रतिपक्ष उमर दराज ने कहा कि कांग्रेस ज्वाइन करना और कांग्रेस का लेटर मिला दोनों में अंतर है. बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए पार्षदों को लेटर मिलने के बाद ही उन्हें कांग्रेस की बैठकों में बुलाया जाएगा.
वहीं इस बैठक में कांग्रेसी पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड के क्षेत्रीय मुद्दों को नेता प्रतिपक्ष के सामने रखा. जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब निगम की समितियों में कई कांग्रेस के चेयरमैन भी शामिल है. हालांकि आचार संहिता लगने के चलते वो अपना काम नहीं कर पाए, लेकिन अब सभी पार्षदों को 3-3 करोड़ के विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए के टेंडर किए गए हैं. ऐसे में समिति चेयरमैनों की मदद से बचे हुए कार्यकाल में सभी पार्षद अब शहर के विकास कार्य में काम करेंगे.
भले ही मेयर उपचुनाव में बीजेपी के कई पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर विष्णु लाटा को मेयर बनवाया हो.भले ही मेयर विष्णु लाटा ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर, कई बीजेपी पार्षदों को कांग्रेस में शामिल करवाया हो. लेकिन आज हुई कांग्रेस पार्षदों की बैठक से ये साफ हो गया कि अभी भी निगम में मौजूद कांग्रेसी पार्षद नई सदस्यता ग्रहण करने वाले बीजेपी के बागियों को कांग्रेसी पार्षद नहीं मानते.यही कारण है कि फिलहाल निगम में कांग्रेसी पार्षदों के भी दो भाग नजर आते हैं.