जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में 10 नवंबर को होने वाले (Voting for mayor by election on November 10) महापौर उप चुनाव के मतदान से पहले बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों की बाड़ाबंदी की गई है. जहां एक ओर कांग्रेस के पार्षद मानसरोवर स्थित रिसोर्ट के पूल में मस्ती करते दिखे. वहीं बीजेपी ने जिस होटल में अपने पार्षदों को ठहराया है, वहां से 20 से ज्यादा पार्षद नदारद हैं. जिससे बीजेपी की नींद उड़ गई है. ऐसे में अब बीजेपी के विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी और नरपत सिंह राजवी के साथ पूर्व विधायक राजपाल सिंह और कैलाश वर्मा ने होटल में पहुंचे कमान संभाली है. उधर, विष्णु लाटा प्रकरण को दोहराए जाने के सवाल पर बीजेपी शहर अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी के पुराने नेतृत्व पर सवाल उठाए.
जयपुर नगर निगम में साल 2019 में मेयर पद पर हुआ उलटफेर बीजेपी के जहन में है. ऐसे में बीजेपी ने इस बार कोई भी चूक ना रह जाए, इसके लिए पार्षदों की 7 दिन की बाड़ाबंदी की है. हालांकि जिस होटल में पार्षदों को ठहराया गया है, वहां से फिलहाल 20 पार्षद नदारद (20 bjp councilors absent in fencing) हैं. इनमें से कुछ नाराज हैं, कुछ बीमार हैं, तो कुछ शादियों में व्यस्त बताए जा रहे हैं. लेकिन बीजेपी की सबसे बड़ी चिंता पार्टी में चल रही गुटबाजी है. जिसकी वजह से कांग्रेस बीजेपी पार्षदों को तोड़ते हुए क्रॉस वोटिंग का दंभ भी भर रही है. हालांकि बीजेपी के विधायकों ने यहां मोर्चा संभालते हुए 100 से ज्यादा वोट मिलने का दावा करते हुए कहा है कि कांग्रेस के 9, जबकि 4 निर्दलीय पार्षद उनके संपर्क में हैं. ऐसे में बीजेपी के 85 और बीजेपी समर्थक 8 निर्दलीय पार्षद के अलावा भी बीजेपी प्रत्याशी को वोट मिलेंगे.
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