जयपुर. छोटी काशी में मकर सक्रांति पर सूर्योदय के साथ ही वो काटा...वो मारा...का शोर गुंजायमान हो गया है. पतंगबाजी का खुमार कड़ाके की ठंड में लोगों पर छाया हुआ है. शहर में डीजे के साथ पतंगबाजी का दौर शुरू (Kite Flying in Jaipur) हुआ. इस बार सूर्य शनिवार रात 8 बजकर 45 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगा. ऐसे में दान पुण्य का योग 15 जनवरी होगा. वहीं, राजधानी में राधे गोविंद देव जी मंदिर में शनिवार को सोने-चांदी की पतंग चरखी के साथ ठाकुर जी की विशेष झांकी सजाई गई है.
ज्योतिषाचार्य से जानिए मकर सक्रांति का महत्व: मकर संक्रांति के अवसर पर जगमोहन में पतंगों से सजावट की गई और भगवान को दिल के पकवानों का भोग लगाया गया. भगवान के दर्शन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे. ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार मकर सक्रांति का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही वैज्ञानिक महत्व है. इस दिन भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. आज से ही रात-छोटी और दिन बड़ा होने लगता है और सर्दी का असर भी कम होता है. इस दिन तिल गुड़ के व्यंजन खाने की भी परंपरा रही है.