जयपुर. बीते 25 सितंबर को राजस्थान में विधायकों के इस्तीफा प्रकरण के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कांग्रेस पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस दिया गया है. लेकिन इस विवाद के बाद सबसे ज्यादा हमला कांग्रेस के विधायकों की ओर से महेश जोशी पर ही हुआ. महेश जोशी के पास मुख्य सचेतक के साथ ही प्रदेश के पीएचईडी मंत्री पद की जिम्मेदारी भी है.
विधायक दिव्या मदेरणा ने इसे लेकर महेश जोशी की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे, लेकिन पीएचईडी मंत्री और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने मुख्य सचेतक पद छोड़ने (Mahesh Joshi hints to leave Chief Whip post) के संकेत दे दिए हैं. जोशी ने कहा कि वह कभी भी किसी पद के लिए लालायित रहे ही नहीं. उनकी तरफ से पार्टी एक पद वापस ले या दोनों पद वापस यह उसको तय करना है. महेश जोशी ने कहा कि मुख्य सचेतक (Mahesh Joshi on Chief Whip post) का पद वैसे भी ऐसा काम नहीं है जिसमें एक मंत्री को किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त लाभ मिले. बल्कि इस पद से तो दोहरी जिम्मेदारी हो जाती है. यहां तक कि जब विधानसभा का सत्र चलता है तो फ्लोर मैनेजमेंट के चलते हम बाहर भी नहीं जा सकते हैं.