जयपुर.फरवरी का महीना बीतने को है और मार्च आरंभ होने को है. फरवरी और मार्च में हिंदू नव वर्ष कैलेंडर के हिसाब से आखरी महीना फाल्गुन का है. फाल्गुन को कृष्ण भक्ति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना फाल्गुन ऊर्जा और उत्सव का प्रतीक है, तो वहीं चैत्र के रूप में पहला महीना त्योहारों की रौनक लेकर लौटता है.
सोमवार 27 फरवरी से होलाष्टक लगने के बाद होली तक शुभ कार्यों का विराम आ चुका है. होलाष्टक 7 मार्च तक होंगे. इस वजह से इन दिनों में नए वाहन की खरीद, गृह प्रवेश, नया सौदा या शगुन जैसे काम नहीं होते हैं. इसके बाद 8 मार्च से शुभ कार्यों की शुरुआत होगी, तो वहीं धर्म-कर्म के हिसाब से भी मार्च का महीना खास रहने वाला है. एक तरफ फाल्गुन जैसे महीने में होली जैसा बड़ा त्यौहार आएगा, तो वहीं मार्च में ही चैत्र नवरात्र के साथ हिंदू नव वर्ष की शुरुआत भी होगी. होली मनाये जाने के बाद 12 मार्च को रंगपंचमी मनाई जाएगी, तो 15 तारीख को शीतलाष्टमी और 22 मार्च से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ होगा. इसी दिन गुड़ी पड़वा भी होगा. 30 मार्च को नवरात्र समापन के साथ-साथ रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा.