जयपुर. राजस्थान में पर्यटन के लिहाज से सीजन की शुरुआत (Tourism in Rajasthan) हो गई है. दीपावली से होली तक सैलानियों के आने का दौर चलता है. इस दौरान बड़े पैमाने पर देसी-विदेशी पावणे धोरों की धरती पर तफरीह करने के लिये पहुंचते हैं. कोरोना काल के बाद यह साल पर्यटन क्षेत्र में रिकवरी के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसे में एक तरफ होटल और पर्यटन कारोबार से जुड़े व्यवसायी उत्साहित हैं तो दूसरी ओर इस बात को लेकर संशय है कि क्या यह इस मर्तबा बीते दो साल के सूखे की भरपाई हो पाएगी.
जाहिर है कि वीजा नियमों में पोस्ट कोविड तब्दीलियों के साथ ही वैश्विक हालात फिलहाल सैर-सपाटे के लिहाज से माकूल नहीं समझे जा रहे हैं. जयपुर के पर्यटन स्थलों में खास तौर पर आमरे और हवामहल का जादू हर सैलानी के सिर चढ़कर बोलता है. ऐसे में पर्यटन स्थलों पर चंद आंकड़ों के जरिये देसी-विदेशी सैलानियों की आवक और उनकी दिलचस्पी को समझा जा सकता है. इन आंकड़ों से इतना जरूर जाहिर हो जाता है कि फिलहाल सीजन की शुरुआत में गुलाबी शहर देशी मेहमानों से ही गुलजार रहने वाला है, विदेशी पर्यटकों का पहले की तरह घूमने आना हाल में मुश्किल (less arrival of foreign tourists) लग रहा है.
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गुलाबी शहर में देसी सैलानियों की रौनक
पर्यटकों की पसंद के किसी भी शहर में आम तौर पर वीकेंड का आंकड़ा सैलानियों के रुझान को साफ कर देता है. इस लिहाज से देखें तो 15 अक्टूबर शनिवार को जयपुर में आमेर महल का दीदार करने के लिए 412 विदेशी सैलानी पहुंचे. इसी तरह से यहां आने वाले 3 हजार 496 देशी सैलानी रहे. 15 तारीख की रात को आमेर में तीन विदेशी सैलानी पहुंचे तो वहीं 274 भारतीय पर्यटकों ने रात में किले को निहारा.
इसी तरह सोलह तारीख को 309 विदेशी सैलानियों के साथ ही रविवार के दिन 4 हजार 389 भारतीय पर्यटकों ने दिन में आमेर महल देखा. मतलब साफ है कि बीता वीकेंड और आमेर के आंकड़े बयान करते हैं कि देशी पर्यटक जमकर जयपुर पर मेहरबान हैं. हवा महल की बात करें तो बीते इतवार यहां 4 हजार 603 देशी सैलानी पहुंचे थे, जबकि 44 विदेशी सैलानियों ने महल के दीदार में दिलचस्पी ली. जबकि 15 अक्टूबर शनिवार को 3241 भारतीय पर्यटकों के साथ ही 51 विदेशी पर्यटक यहां घूमने के लिये आये थे. मतलब साफ है कि आम तौर पर कोरोना के पहले जितना क्रेज विदेशी पावणों में जयपुर को लेकर था वह फिलहाल सीजन की शुरुआत में नजर नहीं आ रहा है और देसी मेहमान ही अब स्थानीय पर्यटन की उम्मीद बनकर उभरे हैं. इसके पीछे इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का भी अपना आंकलन है.