जयपुर. अलवर ग्रामीण सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे टीकाराम जूली को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है. वे विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष सरकार को घेरेंगे. इसकी तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बतौर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की प्राथमिकता बताई. साथ ही उन्होंने प्रदेश की भजनलाल सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने राम मंदिर, राजस्थान में कांग्रेस नेताओं पर ईडी की छापेमारी पर भी बेबाक बयान दिए. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद की चुनौतियों के सवाल पर टीकाराम जूली ने कहा कि वह काम ही क्या है, जिसमें चुनौती न हो. आलकमान ने जो विश्वास उन पर जताया है. वो उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे. राजस्थान की आम आवाम ने हमें चुनकर यहां भेज है. उनके हितों की रक्षा करना और उनके हक की लड़ाई लड़ना उनकी प्राथमिकता है. विपक्ष जब राज में आता है तो पुरानी चीजें भूल जाता है. उसको लाइन पर रखना है. ऐसे फैसले नहीं हो, जो प्रदेश की जनता के खिलाफ हो. यही मुख्य रूप से हमारा दायित्व होगा.
मजबूत विपक्ष, अनुभव का फायदा लेंगे :सरकार को घेरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार हमारा विपक्ष काफी मजबूत है. कांग्रेस के 70 विधायक हैं. अन्य पार्टियों के और निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं. हम सब मिलकर काम करेंगे. जो वरिष्ठ हैं. उनके अनुभव का हम लाभ उठाएंगे. उसी के आधार पर रणनीति बनाते हुए गांव और सड़क की चर्चा को किस तरह हम लागू करवाएं, यह हमारी प्राथमिकता रहेगी.
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सरकार ने बदले योजनाओं के नाम : प्रदेश की भजनलाल सरकार के एक महीने के कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा कि यह पर्ची की सरकार है, जिसमें अब तक एक भी फैसला नहीं हुआ है. फैसला यह हुआ है कि गहलोत सरकार की योजनाओं को रोका जाए. कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम बदले जाए. किसानों को रात में बिजली दी जा रही है. युवाओं की नौकरी छीनने के निर्णय हुए हैं. 100 दिन की कार्ययोजना बनाने में 50 दिन निकल चुके हैं. करेंगे क्या. ये लोग दिखावे की राजनीति कर रहे हैं. जाति-धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. इन्हें आम जनता से कोई लेना-देना नहीं है.
अन्नपूर्णा रसोई के बजट में की 50 फीसदी कटौती : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं को भाजपा सरकार द्वारा बंद करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजीव गांधी युवा मित्रों को हटा दिया. महात्मा गांधी प्रेरकों की 50 हजार की भर्ती रोक दी. इंदिरा रसोई का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई कर दिया. उसके बजट में 50 फीसदी की कटौती कर दी. किसानों के प्याज की कीमत जमीन पर गिर गई. किसानों को रात में बिजली की सप्लाई दी जा रही है. 50 साल पुराने बिल आज अचानक किसानों के सामने आ रहे हैं. पीएचईडी के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. इनके सब निर्णय हवा हवाई हैं.