राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

सीएम अशोक गहलोत के अंगूठा फ्रैक्चर पर नेता प्रतिपक्ष का तंज, कहा- सच में हुआ फ्रैक्चर या कोई अन्य बीमारी, मेडिकल बोर्ड से होनी चाहिए जांच - नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर के अंगूठे में आए फ्रैक्चर पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तंज कसा. राठौड़ ने कहा कि 25 दिन बाद भी सीएम का फ्रैक्चर ठीक नहीं हुआ है. ऐसे में उन्हें कोई अन्य बीमारी तो नहीं है, इसका पता लगाने के लिए मेडिकल बोर्ड से जांच करानी चाहिए.

Rajendra Rathore statement on CM Ashok Gehlot
Rajendra Rathore statement on CM Ashok Gehlot

By

Published : Jul 31, 2023, 7:49 PM IST

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर का अंगूठा फ्रैक्चर हो गया है. इसके 25 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब भी प्लास्टर बंधा हुआ है. वहीं, भाजपा की ओर से सीएम के जख्म पर सियासी टिप्पणी की गई. सोमवार को मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि किसी भी अंगूठे में 25 दिन तक प्लास्टर बंधा रहे, ये ठीक नहीं है. खैर, ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है. ऐसे में हमें संदेह है कि सीएम को कोई अन्य बीमारी तो नहीं हो गई है. इसकी मेडिकल बोर्ड गठित करके जांच होनी चाहिए. आगे उन्होंने सरकार की ओर से विधानसभा में लाए जाने वाले राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक 2023 और महिलाओं को रक्षाबंधन पर दिए जाने वाले मोबाइल पर भी सवाल खड़े किए.

चोट की होनी चाहिए जांच - नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मेरा 8 महीने का अनुभव है और चिकित्सा मंत्री रहा हूं. लेकिन ऐसा पहली बार देख रहा हूं कि एक साथ दोनों पैर के अंगूठे में चोट आ गई हो और वो 25 दिन बाद भी ठीक नहीं हो सका है. कहीं न कहीं इस बात का संदेह है कि मुख्यमंत्री को कोई अन्य बीमारी तो नहीं हो गई है. राठौड़ ने केंद्र सरकार से मांग की, कि वो सीएम गहलोत की स्वास्थ्य की चिंता करें और एक उच्च स्तरीय मेडिकल बोर्ड का गठन करें. ताकि इस बात की जांच की जा सके कि उन्हें आखिर हुआ क्या है.

इसे भी पढ़ें - Ashok Gehlot Jodhpur Visit : जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री की बिगड़ी तबीयत और फिर...

विद्युत शुल्क के नाम पर बोझ -नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार की ओर से इसी विधानसभा सत्र में लाए जाने वाले राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक 2023 पर भी सवाल खड़े किए. राठौड़ ने कहा कि सरकार के इस विधेयक के आने के बाद डेढ़ रुपए तक प्रति यूनिट का भार बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार जो विधेयक लेकर आ रही है, उसमें 1 रुपए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और 50 पैसे सेस के नाम पर वसूलने की तैयारी है. इस तरह से आम जनता के बिल में डेढ़ रुपए प्रति यूनिट का भार बढ़ने जा रहा है.

राठौड़ ने आगे कहा कि पहले 100 यूनिट तक बिजली फ्री देने और 200 यूनिट तक किसी तरह का कोई चार्ज नहीं वसूलने की बात की थी, लेकिन राहत मिलने की जगह बड़े हुए दामों के साथ में बिजली का बिल आम जनता के हाथों में थमाए गए. यह सरकार सिर्फ और सिर्फ आम जनता को झूठी बातें करके गुमराह करने का काम कर रही है.

महिलाओं को मिलेगा आउटडेटेड फोन - राठौड़ ने सरकार की ओर से महिलाओं को रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में दिए जाने वाले मोबाइल फोन पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सरकार 1 करोड़ 40 महिलाओं को मोबाइल देने की बात कर रही है. उनमें से पहले फेज के रूप में अगस्त के महीने में 40 लाख महिलाओं को जो फोन दिया जा रहा है, वो आउटडेटेड है. जानकारी के अनुसार सरकार सैमसंग गैलेक्सी A3 देने जा रही है.

इसे भी पढ़ें - TSP शिक्षकों के लिए खुशखबरी, TSP से Non-TSP क्षेत्र हो सकेंगे ट्रांफ़सर, सीएम गहलोत ने दी मंजूरी

यह फोन कंपनी पहले ही मार्केट में बंद कर चुकी है. यह फोन आउटडेटेड हो चुका है और कंपनी के गोदाम में रखा हुआ है. सरकार सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है. कंपनी के आउटडेटेड फोन को खरीद कर महिलाओं को देने जा रही है. राठौड़ ने कहा कि फोन की स्थिति की बात करें तो यह 2GB रैम के साथ में फोन है जो अब एप्लीकेशन को भी सपोर्ट नहीं करता है, सरकार मोबाइल के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेल रही है जिसे हम बेनकाब करेंगे.

एक कंपनी को फायदा पहुंचा रही सरकार -राठौड़ ने मुख्यमंत्री निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना को लेकर कहा कि सरकार इसमें भी बड़ा भ्रष्टाचार कर रही है. कलेक्टर को भेजे गए पत्र में जो निविदा की शर्त रखी गई है, उसके अनुसार जिसको 50 करोड़ के पोषाहार का अनुभव हो, उसी को ही अन्नपूर्णा फूड पैकेट टेंडर अलॉट किए जाए. इस तरह की शर्त का मतलब साफ है कि सरकार सिर्फ एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसी शर्तें रखी है.

राठौड़ ने कहा इस मामले में मंत्रियों का झगड़ा भी हुआ था, जो सार्वजनिक भी हुआ था. आगे उन्होंने भीलवाड़ा में बच्ची को पानी में पेशाब मिलाकर पिलाने के मामले पर भी सरकार को घेरा और कहा कि ऐसी घटनाओं का विरोध करने पर ये सरकार डंडे बरसाती है. इसका मतलब साफ है कि इस सरकार की तानाशाही चरम पर है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details