जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर का अंगूठा फ्रैक्चर हो गया है. इसके 25 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब भी प्लास्टर बंधा हुआ है. वहीं, भाजपा की ओर से सीएम के जख्म पर सियासी टिप्पणी की गई. सोमवार को मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि किसी भी अंगूठे में 25 दिन तक प्लास्टर बंधा रहे, ये ठीक नहीं है. खैर, ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है. ऐसे में हमें संदेह है कि सीएम को कोई अन्य बीमारी तो नहीं हो गई है. इसकी मेडिकल बोर्ड गठित करके जांच होनी चाहिए. आगे उन्होंने सरकार की ओर से विधानसभा में लाए जाने वाले राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक 2023 और महिलाओं को रक्षाबंधन पर दिए जाने वाले मोबाइल पर भी सवाल खड़े किए.
चोट की होनी चाहिए जांच - नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मेरा 8 महीने का अनुभव है और चिकित्सा मंत्री रहा हूं. लेकिन ऐसा पहली बार देख रहा हूं कि एक साथ दोनों पैर के अंगूठे में चोट आ गई हो और वो 25 दिन बाद भी ठीक नहीं हो सका है. कहीं न कहीं इस बात का संदेह है कि मुख्यमंत्री को कोई अन्य बीमारी तो नहीं हो गई है. राठौड़ ने केंद्र सरकार से मांग की, कि वो सीएम गहलोत की स्वास्थ्य की चिंता करें और एक उच्च स्तरीय मेडिकल बोर्ड का गठन करें. ताकि इस बात की जांच की जा सके कि उन्हें आखिर हुआ क्या है.
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विद्युत शुल्क के नाम पर बोझ -नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार की ओर से इसी विधानसभा सत्र में लाए जाने वाले राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक 2023 पर भी सवाल खड़े किए. राठौड़ ने कहा कि सरकार के इस विधेयक के आने के बाद डेढ़ रुपए तक प्रति यूनिट का भार बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार जो विधेयक लेकर आ रही है, उसमें 1 रुपए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और 50 पैसे सेस के नाम पर वसूलने की तैयारी है. इस तरह से आम जनता के बिल में डेढ़ रुपए प्रति यूनिट का भार बढ़ने जा रहा है.
राठौड़ ने आगे कहा कि पहले 100 यूनिट तक बिजली फ्री देने और 200 यूनिट तक किसी तरह का कोई चार्ज नहीं वसूलने की बात की थी, लेकिन राहत मिलने की जगह बड़े हुए दामों के साथ में बिजली का बिल आम जनता के हाथों में थमाए गए. यह सरकार सिर्फ और सिर्फ आम जनता को झूठी बातें करके गुमराह करने का काम कर रही है.