बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका जयपुर.गहलोत सरकार के खिलाफ 9 मुद्दों को लेकर मंगलवार को सचिवालय का घेराव करने निकले बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने स्टेच्यू सर्किल पर रोक लिया. इस दौरान पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई. भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पहले तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. पुलिस की ओर से की गई सख्ती पर बीजेपी के नेताओं ने कहा कि सरकार कितने ही जुल्म कर ले, अब प्रदेश की जनता सड़कों पर आ चुकी है, जो रुकने वाली नहीं है.
...और डायरियां सामने आएंगी :केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस का ये बल प्रयोग बताता है कि गहलोत सरकार किस कदर बौखला गई है. आखिर किस बात से डरी हुई है कांग्रेस. अभी तो एक लाल डायरी सामने आई है, पता नहीं कितनी और हरी, पीली, नीली डायरियां हैं, जो सामने आना बाकी हैं. शेखावत ने कहा प्रदर्शन में शामिल हुआ एक-एक कार्यकर्ता गहलोत सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम करेगा. सरकार भले ही लाठियां बरसाए या फिर गोलियां चलाए, अब हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. प्रदेश की जनता हर डायरी का हिसाब लेगी, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार का लेखा-जोखा रखा हुआ है.
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अब रुकने वाले नहीं :बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश के हालात को लेकर भाजपा का कार्यकर्ता आज सड़कों पर उतरा है. सरकार पुलिस के दम पर दमनकारी नीति अपना रही है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत समझ लें कि अब ये कारवां रुकने वाला नहीं है. इस सरकार की विदाई तय है. भाजपा का कार्यकर्ता आज जयपुर में 'नही सहेगा राजस्थान' अभियान के तहत आया है. यह जनता जनार्दन इस भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकेगी.
9 मुद्दों के साथ सचिवालय घेराव :उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि भ्रष्टाचार, पेपर लीक, कर्जमाफी, महिला हिंसा , दलित अत्याचार, कानून व्यवस्था, प्रशासन, किसान सम्मान, तुष्टिकरण के मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी ने 16 जुलाई से 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान प्रदेश भर में चलाया. 15 दिन के इस अभियान में गांव-ढाणी तक बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता पहुंचे और आम जनता के बीच सरकार को आईना दिखाया.
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कार्यकर्ताओं को आई चोट : पूनिया ने कहा कि अभियान के समापन पर प्रदेश नेतृत्व की ओर से सचिवालय के घेराव की योजना थी, लेकिन सरकार ने आरोपों का सामना करने की बजाय पुलिस को आगे कर दिया. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर लाठियां बरसाई गईं, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. पुलिस की इस झड़प और धक्का-मुक्की में कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस कितना ही दमनकारी नीति अपना ले, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता रुकने वाला नहीं है.
पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर छोड़े वाटर कैनन
पुलिस ने लिया हिरासत में:प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया. हिरासत में लिए गए नेताओं में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया सहित कई नेता शामिल थे. इस दौरान बीजेपी के नेताओं ने कहा कि पुलिस आज भले ही सरकार के दबाव में आम जनता की आवाज उठाने वाले नेताओं को हिरासत में ले रही है, लेकिन अब यह आवाज बीजेपी की नहीं बल्कि आम आवाम की बन चुकी.
एकजुटता का संदेश : घेराव से पहले भाजपा मुख्यालय के बाहर सभा का आयोजन किया गया. इस सभा के जरिए एकजुटता का संदेश देने की कोशिश भी की गई. मंच पर बीजेपी के सभी बड़े नेता पहुंचे. हालांकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की गैर मौजूदगी चर्चाओं में रही, जबकि मंच पर वसुंधरा राजे की सीट रिजर्व रखी गई थी. मंच पर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया सहित प्रदेश संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे.