जयपुर. सिविल न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने जय महल पैलेस होटल व नाटाणियों के बाग की कुछ जमीन पर मालिकाना हक के मामले में पूर्व राजपरिवार सदस्यों को राहत देते हुए उनके सेवकों के वारिसान का 37 साल पुराना दावा खारिज कर दिया. अदालत ने रामसिंह व अन्य के दावे खारिज करते हुए कहा कि विवादित संपत्ति पर कब्जे के संबंध में कोई दस्तावेज व फोटो पेश नहीं किए हैं.
वादी ने ऐसा कोई गवाह भी पेश नहीं किया है, जो उनके पक्ष में संपत्ति के कब्जे को (Land of Jai Mahal Palace Hotel) साबित करता हो. वादी रामसिंह ने भी अपने बयानों में माना है कि विवादित जमीन पर जय महल पैलेस होटल का कब्जा है. ऐसे में वे कोई राहत के हकदार नहीं है.
मुकदमे से जुडे अधिवक्ता रामजीलाल गुप्ता ने बताया कि रामसिंह भाटी व अन्य ने पूर्व राजपरिवार के सदस्य भवानी सिंह, पदमनी कंवर, दीया कुमारी, पद्मनाभ सिंह सहित रामबाग होटल के मैनेजर विक्रम सिंह पक्षकार बनाते हुए 1985 में कोर्ट में दावा किया था. इसमें कहा था कि भवानी सिंह के पूर्वजों ने उनके पिता श्री बक्स सिंह को यह जमीन मालिकाना हक सहित दी थी. उनके पिता का निधन 1980 में हो चुका है और वे इस संपत्ति पर उनके वारिस मालिक की हैसियत से रह रहे हैं.