जयपुर. चौमूं में भू माफिया ने केवल एक मकान ही नहीं, बल्कि पूरी कॉलोनी के नकली कागजात बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. यह मामला है चौमूं कस्बे के सरस्वती विहार आवासीय कॉलोनी का, जहां भू माफिया ने करोड़ों रुपये की भूमि का फर्जी वसीयतनामा तैयार कर अनुसूचित जाति के पीड़ित की जमीन को हड़पकर सरस्वती विहार के नाम से कॉलोनी बना दी.
वर्ष 2003 में कुछ लोगों ने अनुसूचित जाति की भूमि पर तत्कालीन गिरदावर, पटवारी से सांठगांठ करके करीब 3 भूमि का फर्जी तरीके से वारिस नामा तैयार कर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली. इसको लेकर पुलिस थाना और एडीएम के पास मामला दर्ज हुआ. इधर, पुलिस ने इस पूरे मामले में कार्रवाई कर वर्ष 2003 में जमीन को लेने वाले 2-3 लोगों को गिरफ्तार किया. वर्ष 2017 में एडीएम ने भी अपना फैसला सुना दिया और फर्जी वारिसनामा के आधार पर खुले नामांतरण को खारिज कर वास्तविक वारिस नरसीराम के नाम नामांतरण खोलने के निर्देश दिए.
इससे पहले भूमाफियाओं ने करीब 3 बीघा भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी बसा दी और प्लॉटिंग कर लोगों को प्लॉट बेच दिए. इतना ही नहीं इस कॉलोनी पर काटे गए प्लॉट के पट्टे भी एक सोसाइटी के जरिए वितरित कर दिए गए. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक भू माफियाओं ने पहले इस भूमि को सिरसली गृह निर्माण सहकारी समिति को सरेंडर किया और इस सोसाइटी के जरिए ही भूमि खरीदने वाले लोगों को पट्टे जारी कर दिए.