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लोकसभा चुनाव में पहली बार राज्य के 1 लाख 34 हजार सर्विस वोटर्स करेंगे मताधिकार का उपयोग...जानिए पूरी प्रक्रिया - rajasthan

लोकसभा चुनाव में पहली बार 1 लाख 34 हजार सर्विस वोटर्स अपने मत का प्रयोग करेंगे. पहली बार लोकसभा चुनाव में ईटीपीबीएस पद्धति से उनके पास पोस्टल बैलट पहुंचाए जा रहा है. भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, जल सेना, केंद्रीय बल, स्टेट आर्म्ड पुलिस फोर्स के सदस्य और अपने राज्य से बाहर पद स्थापित कर्मचारी और भारत सरकार की सेवा में विदेश में पद स्थापित है वह सर्विस वोटर्स के दायरे में आते है.

प्रदेश के 1 लाख 34 हजार सर्विस वोटर करेंगे वोट

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Published : Apr 5, 2019, 10:18 PM IST

जयपुर. लोकसभा 2019 के चुनाव में राजस्थान के 1 लाख 34 हजार से ज्यादा सर्विस वोटर्स अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. पहली बार लोकसभा चुनाव में ईटीपीबीएस पद्धति से उनके पास पोस्टल बैलट पहुंचाए जा रहा है. वहीं उनके पोस्टल बैलट में बंद मत जल्दी पहुंचे यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है.

प्रदेश के 1 लाख 34 हजार सर्विस वोटर करेंगे वोट

माइनस 50 डिग्री के बर्फबारी के बीच सेना के जवान हो या फिर भरी गर्मी में 50 डिग्री तापमान मरुस्थल में तैनात सेना के कर्मचारी , समुद्र के रास्ते आने वाली हर मुसीबत का सामना करने में तत्पर सेना, आसमान की बुलंदियों को छूते फाइटर पायलट यह सारे देश की सुरक्षा में जी जान से जुटे हैं. लेकिन देश के लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी नहीं बन पाते, इस कारण है कि यहां मतदान के रूप में पंजीकृत है, वहां जाकर वोट नहीं कर सकते. लेकिन इस बार राज्य के एक लाख 34 हजार से ज्यादा सर्विस वोटर्स अपने मताधिकार से वंचित नहीं रहेंगे.

इसके लिए पहली बार ईटीपीबीएस पद्धति से उनके पास पोस्टल बैलट पहुंचाई जा रहा है जो वही उनके पोस्टल बैलट में बंद मत जल्द पहुंचे यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में और 2 सीटों पर हुए लोकसभा के उपचुनाव में सर्विस वोटर्स के के लिए ईटीपीबीएस पद्धति का उपयोग किया जा चुका है.


कौन कहलाते हैं सर्विस वोटर
भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, जल सेना, केंद्रीय बल, स्टेट आर्म्ड पुलिस फोर्स के सदस्य और अपने राज्य से बाहर पद स्थापित कर्मचारी और भारत सरकार की सेवा में विदेश में पद स्थापित है वह सर्विस वोटर्स के दायरे में आते है.
साथ ही निर्वाचन ड्यूटी में नियुक्त मताधिकार निवारण विरोध के अध्याधीन मतदाता , सर्विस वोटर्स की पत्नी भी उसके पोस्टिंग वाले स्थान पर रहती है तो वह भी अपने साथ अपनी पत्नी को सर्विस वोटर के रूप में पंजीकृत कर सकते है , इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष व्यवस्था की है.

सर्विस वोटर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे होगा
www.servicevoters.nic.in पर लॉग इन करने पर फोन नंबर 2 डाउनलोड करके पढ़ना होगा. फोन नंबर 21 आर्म्ड फोर्सज के लिए है. फॉर्म नंबर 3 विदेश में पोस्टेड व्यक्ति के लिए है. इसके साथ स्वयं घोषणा पत्र भरना होगा जिसमें यह प्रमाणित करना होगा कि व्यक्ति क्षेत्र से दूर पद स्थापित है. जहां उसका वोटर के रूप में नाम पंजीकृत है इस घोषणा पत्र में उससे यह भी घोषणा करनी होगी कि उसके पद स्थापित क्षेत्र में उसके साथ पत्नी भी है और उसे भी सर्विस वोटर के रूप में पंजीकृत किया जाए.


फॉर्म भरकर रिकॉर्ड ऑफिस या यूनिट ऑफिस को सबमिट करना होगा. फॉर्म 13 ए के जरिए प्रोक्सी वोटर्स को भी पंजीकृत करवाया जा सकता है. यह फॉर्म नामांकन की अंतिम तिथि से पहले लिंक अधिकारी के पास पहुंचना चाहिए. हालांकि इसमें यह ध्यान रखना होगा कि प्रोक्सी वोटर उस व्यक्ति के निर्वाचन क्षेत्र का ही होना चाहिए और वह मतदान के लिए योग्य होना चाहिए.

पोस्टल बैलट से कैसे करें वोटिंग -
पोस्टल बैलट से जिस भी प्रत्याशी को सर्विस पोर्टल वोट देना है. उसके नाम के आगे सही का निशान लगा सकते है. एक से ज्यादा प्रत्याशी के नाम के आगे सही का निशान लगाया जाना या किसी अन्य कॉल में निशान लगाए जाने पर वोट रद्द हो सकता है. सही का निशान लगाने के बाद बैलट पेपर को आधा मोड कर वापस लिफाफे में रखा जाता है. 13 ए स्वयं घोषणा पत्र होता है जिस में भरकर कमांडिंग ऑफिसर की ओर से अटेस्टेड करवाना होता है. अब बैलट पेपर और घोषणा पत्र छोटे लिफाफे के साथ बड़े लिफाफे में डाल कर भेजना होता है. जैसे ही बैलट पेपर मिले वैसे ही भर कर भेज देना चाहिए. जिससे रिटर्निंग अधिकारी को सही समय पर मिल सके, लेकिन अब पोस्टल बैलट को इलेक्ट्रॉनिकली भेजा जा रहा है जिससे डाक आने में जो समय लगता है वह समझ जाएगा इसे डाउनलोड करने के लिए रिकॉर्ड ऑफिस या यूनिट ऑफिसर कमांडिंग ऑफिसर वन टाइम पासवर्ड देना होगा जिसे डालकर फॉर्म डाउनलोड किया जा सकता है.

यह फोरम इंक्रिप्टेड होने के चलते इसे ना तो कॉपी किया जा सकता है और ना ही छेड़छाड़ की जा सकती है. इसके साथ दो स्टीकर भी होते हैं. एक स्टीकर 13b पर और 11, 13 सी फॉर्म पर चिपकाने होंगे. दरअसल जो सर्विस वोटर्स को वोट मिला है उसका प्रिंट निकाल कर या अन्य तरह से डुप्लीकेसी ना हो इसके लिए हर सर्विस वोटर्स के साथ क्यू आर कोड जनरेट होगा. मतगणना के समय यह मिलान किया जाएगा की वोटर के साथ जो क्यूआर कोड जनरेट किया गया है, वह एक ही है या नहीं. यदि डुप्लीकेसी पाई जाती है तो वोट रद्द हो जाएगा. ई पोस्टल बैलट डाउनलोडिंग शुरू करने की तारीख और समय नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही होगी.

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