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विधायक भाकर ने कांग्रेस के चुनावी अभियान पर उठाए सवाल, आलाकमान की अवमानना पर कह दी यह बड़ी बात - Rajasthan Hindi news

राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस में बयानबाजी का सिलसिला एक बार फिर शुरू होता दिख रहा है. लाडनूं (नागौर) से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने कहा है कि आलाकमान की बात तो सबको माननी पड़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे चुनावी अभियान को और धार दी जाती तो परिणाम कुछ और होते.

Ladnun MLA Mukesh Bhakar
Ladnun MLA Mukesh Bhakar

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 5, 2023, 3:41 PM IST

विधायक भाकर ने कांग्रेस के चुनावी अभियान पर उठाए सवाल.

जयपुर.राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस में बयानबाजी एक बार फिर तेज होती दिख रही है. इससे आने वाले समय में पार्टी में गुटबाजी को भी हवा मिलने की संभावना है. सचिन पायलट खेमे के माने जाने वाले और लाडनूं (नागौर) से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने कहा है कि आलाकमान की बात तो सबको माननी ही पड़ेगी. कोई यह गलतफहमी नहीं पाले कि मैं अपने दम पर चुनाव जीतकर आया हूं.

मुकेश भाकर ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी आलाकमान की तो सबको माननी ही पड़ेगी. आलाकमान ही है जो इस पार्टी को चला रहा है. हम लोगों में कोई भी यह गलतफहमी नहीं पाले कि मैं अपने दम पर जीतकर आया हूं. पार्टी आलाकमान, गांधी परिवार और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को लंबे समय से देश को जोड़कर रखा है. इतने लंबे समय से देश को प्रेम और भाईचारा कांग्रेस पार्टी ने दिया है. पार्टी देश को विकास की राह पर लेकर आई है. आलाकमान, कांग्रेस पार्टी और हाथ के निशान के बिना कोई यह सोचे कि अपने दम पर कुछ कर सकता हूं तो यह सही नहीं है.

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आलाकमान की अवमानना से कम आई सीट :मुकेश भाकर ने साफ कहा कि पार्टी आलाकमान ही सब कुछ है. इस बार चुनाव में जो सीट कम रही है, उसका एक कारण आलाकमान की बात नहीं मानना भी है. पार्टी आलाकमान की अवमानना का गलत संदेश लोगों के बीच गया है. मुझे लगता है कि उसी की वजह से सीटें कम रहीं. यह डैमेज उसी की वजह से हुआ है.

भाजपा के खिलाफ माहौल को भुना नहीं पाए :मुकेश भाकर ने यह भी कहा कि देश में भाजपा ने साम्प्रदायिक माहौल बनाया है. मोदी सरकार ने लोगों को बेरोजगारी दी और देश में बंटवारे की राजनीति हुई, उसके खिलाफ देश के लोग खड़े हैं. राजस्थान में भाजपा की कोई लहर इस चुनाव में नहीं थी, अगर हम लोग थोड़ी सी भी मेहनत और करते, ठीक से चुनाव कंट्रोल करके और सब लोगों को साथ लेकर चल पाते तो एक बार फिर से सरकार में आ सकते थे.

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चुनावी अभियान में रही कमियां :उन्होंने कहा कि चुनावी अभियान में कहीं न कहीं कमियां रहीं. जिन लोगों का जनाधार था, हमें उन लोगों को जनता के बीच घुमाना चाहिए था. ज्यादा मीटिंग होती और हम लोग चुनाव को कंट्रोल करते तो ज्यादा अच्छे नतीजे आ सकते थे, लेकिन फिर भी जो वोट शेयर कांग्रेस का रहा है वह संतोषजनक है. जहां कमियां रह गईं, उन पर हम मंथन करेंगे. हर बार हार के बाद हम लोग समीक्षा नहीं करेंगे तो पार्टी के लिए और लोगों के लिए ठीक नहीं होगा.

गहलोत-पायलट विवाद पर कही यह बात :सचिन पायलट और अशोक गहलोत में दूरियों के चुनाव परिणाम पर असर के सवाल पर उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं जो छोटी-छोटी कमियां रहीं, उनको दूर किया जाता, चुनावी अभियान को और धार दी जाती तो परिणाम अलग आते. कई जगहों पर प्रत्याशी बहुत कम अंतर से चुनाव हारे हैं, वो जीत सकते थे. इस पर चिंतन-मनन की दरकार है.

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