जयपुर. प्रदेश में पिछले 4 साल में हुई सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर बीजेपी ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि गहलोत सरकार एक समाज को संरक्षण देने के लिए बहुसंख्यक समाज के साथ में तुष्टिकरण की नीति अपनाई (Kirodi alleges appeasement policy by CM Gehlot) है. तुष्टीकरण की नीति के कारण आज प्रदेश में बहुसंख्यक समाज डरा हुआ है और भय के साए में जीने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था और यहां के नागरिक को सुरक्षा उपलब्ध कराने में पिछले 4 साल में सरकार पूरी तरीके से नाकाम रही है.
बहुसंख्यक समाज डरा हुआ है: किरोड़ी ने कहा कि प्रदेश में पिछले 4 साल में जिस तरह की सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं और उन घटनाओं पर जिस तरह से भेदभाव पूर्ण कार्रवाई हुई है. इस तुष्टीकरण की कार्रवाई ने प्रदेश के बहुसंख्यक समाज को डरा दिया है. मीणा ने कहा कि जिस तरह से करौली में सांप्रदायिक घटना हुई और उस घटना में आरोपी के मुख्य रूप कांग्रेस पार्षद नाम सामने आया, उसके बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
पढ़ें:घर में लगाएं ये 5 पौधे, चमक जाएगी किस्मत...जीवन पर नहीं पड़ेगा नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं करौली घटना से पहले पीएफआई ने पत्र लिखकर हिंसा की संभावना जताई. ये बताता है कि करौली की घटना एक्सीडेंटल नहीं थी, बल्कि सुनियोजित एक प्लान का हिस्सा थी. घटना होने के बाद जिस तरह से प्रदेश की गहलोत सरकार ने इस पूरे मामले में लीपापोती की वो चिंता की बात है. सरकार ने सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की जगह उन्हें संरक्षण देने का काम किया. मीणा ने कहा कि इसके अलावा ओर भी घटनाएं है जिसमे टोंक जिले के मालपुरा, उदयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा और जयपुर में इस तरह की सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं. गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की नीति की वजह से सांप्रदायिक घटनाओं को करने वाले आरोपियों को प्रोत्साहन मिला हुआ है.