कालवाड़ (जयपुर).राजधानी के करधनी थाना पुलिस ने दोहरे हत्याकांड का गुरुवार को पर्दाफाश कर दिया. दरअसल, प्रेम प्रसंग होने के चलते मृतका के पति, देवर और उसकी बहन ने ही हत्या की साजिश रचकर दोनों मां-बेटों को मौत के घाट उतारा था. जिसमें पुलिस ने हत्या में लिप्त पति, देवर और मृतका की छोटी बहन को गिरफ्तार कर लिया.
जयपुर पश्चिम डीसीपी प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि 25 जून को 14 वर्षीय मयंक शर्मा और 38 वर्षीय उसकी मां अनीता शर्मा को अचेत अवस्था में निजी अस्पताल भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सकों ने चेकअप कर कांवटिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था. इस दौरान रात करीब 9 के आसपास मां और बेटे को दोनों को मृत घोषित कर दिया गया. इस दौरान दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.
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इस बीच शक के आधार के मृतका के पति अनिल शर्मा, देवर सुनील और मृतका की बहन पूजा को थाने लाई. इस दौरान उन सभी के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई गई. मामले को संदिग्ध मानते हुए एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत झोटवाड़ा एसीपी हरिशंकर शर्मा के निर्देशन में थानाधिकारी रामकिशन विश्नोई टीम गठित कर आसपास में पूछताछ की.
दरअसल, मृतक अनीता शर्मा की शादी अनिल से हुई थी. जिसके 1 साल बाद ही अनीता की लड़का पैदा हुआ. दोनों पति पत्नी सूर्य नगर नाड़ी का फाटक बेनाड रोड पर रहते थे. पूछताछ में पता चला कि मृतका का पति जयपुर कलेक्ट्री के अंदर सरकारी नौकरी करता था. जब मृतका अनीता शर्मा को उसके पति और बहन के साथ संबंध होना पता चला तो दोनों के बीच रोजाना झगड़े होने लगे. इसके बाद मृतका के पति, देवर और उसकी बहन ने उसे और उसकी बहन को रास्ते से हटाने की सोची. इस दौरान षड्यंत्र के मुताबिक 24 जून को प्लान के तहत देवर सुनील ने वारदात को अंजाम देने की सोची.
षड्यंत्र के तहत पति अनिल और बहन पूजा घर ना आकर दोनों अजमेर रोड स्थित होटल में एंट्री करवाकर बाहर चले गए. इस दौरान मोबाइल भी होटल के कमरे में छोड़कर चले गए. इसके बाद दोनों करीब 300 मीटर दूर बाइक खड़ी कर पैदल ही घर के लिए निकल गए. इसके बाद प्लान के तहत बहन पूजा ने नींद की 13 गोलियां दूध में मिलाकर अनीता और उसके बेटे को पिला दिया.
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इसके बाद दोनों मकान बंद करके अजमेर रोड स्थित होटल में चले गए. मृतका के देवर सुनील अपने गांव चला गया. इसके बाद अगले दिन आकर दोनों ने पुलिस को सूचना ना देकर निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया. इस दौरान चिकित्सकों ने उन्हें कांवटिया अस्पताल भेज दिया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.