जयपुर. उदयपुर के मालदास स्ट्रीट बाजार में टेलर कन्हैयालाल की हत्या को आज पूरा 1 साल बीत चुका है. पिछले वर्ष 28 जून को कन्हैयालाल की निर्मम तरीके से गला काट कर हत्या कर दी गई थी. एक साल बीतने के बाद भी एनआईए कोर्ट में अब तक आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की एक तरह से विधिवत शुरुआत ही नहीं हो पाई है. फिलहाल मामले में लगे चार्ज बहस(आरोप पर बहस) की जानी है. मुकदमे की सुस्त चाल को देखकर लगता है कि कन्हैयालाल के परिजनों को इंसाफ के लिए थोड़ा लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.
मामले में दोनों पक्षों की ओर से चार्ज बहस सुनने के बाद कोर्ट आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप तय करने पर निर्णय करेगी. उसके बाद से ही पहले अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज कराए जाएंगे. उसके बाद बचाव पक्ष को अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा.
गौर है कि एनआईए ने इस मामले में दिसंबर 2022 में 2 पाक निवासियों सलमान और अबू इब्राहिम (दोनों फरार) के साथ ही हत्याकांड के मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद व मोहम्मद सिराज सहित 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या, आतंकी गतिविधियों और आपराधिक षड्यंत्र सहित विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम व आयुध अधिनियम के तहत चालान पेश किया था. चालान में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 449, 302, 307 व 324(34), 153ए, 153बी, 295ए और यूएपीए एक्ट की धारा 16, 18 व 20 के तहत आतंकी गतिविधियों का आरोप लगाया था. चालान में एनआईए ने मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद व मोहम्मद रियाज सहित सभी 9 आरोपियों पर हत्या, अन्य धर्म जाति को अपमानित व क्षति पहुंचाने सहित आतंकी गतिविधियों के संबंध में अन्य आरोप भी माने हैं.