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कांग्रेस किसी भी प्रणाली से करा ले निकाय प्रमुख के चुनाव, सूपड़ा होगा साफ : कालीचरण सराफ - kalicharan saraf bjp mla

प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपने ही फैसला पलट कर निकाय प्रमुख का चुनाव पार्षदों के माध्यम से कराने का फैसला किया है. गहलोत सरकार की कैबिनेट के फैसले के खिलाफ पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने यहां प्रेस वार्ता कर सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस को सवालों के घेरे में खड़ा किया है.

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Published : Oct 15, 2019, 9:10 AM IST

जयपुर.प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने साफ तौर पर कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस को अपनी लुटिया डूबने की आशंका है. जिसके चलते प्रदेश सरकार ने पूर्व में लिए गए अपने ही फैसला को पलट दिया. कालीचरण सराफ ने इस दौरान यह भी कहा कांग्रेस चाहे जैसे भी निकाय चुनाव करवा ले, लेकिन चुनावों में कांग्रेस की हार होना तय है.

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

सराफ ने कहा कि कांग्रेस ने यू-टर्न लेकर अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव करवाकर अपनी हार को स्वीकार कर लिया है. इसके लिए उनको बहुत-बहुत बधाई हो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्होंने लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने का काम किया है, कांग्रेस की सरकार ने ऐसे लोगों की पेंशन बंद करने का निर्णय लिया है, ये लोकतंत्र के साथ मजाक है. भारतीय जनता पार्टी इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करती है.

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सराफ का सीएम से सवाल - क्या, अब नहीं होगी खरीद-फरोख्त

पत्रकारों को संबोधित करते हुए कालीचरण सराफ ने कहा कि भाजपा शुरू से ही प्रत्यक्ष चुनाव कराने के पक्ष में नहीं थी, क्योंकि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह चुनाव में होने वाली फिजूलखर्ची थी. कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पार्षदों की खरीद-फरोख्त का उदाहरण देकर निकाय प्रमुख चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली के बजाय प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने का कानून बनाया. इस दौरान कालीचरण सराफ ने सीएम अशोक गहलोत से सवाल पूछते हुए कहा कि, क्या अशोक गहलोत जनता को यह बताएंगे कि अब उन्होंने जो निर्णय लिया है, उसके बाद पार्षदों की खरीद-फरोख्त और हॉर्स ट्रेडिंग रुक जाएगी या नहीं.

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