जयपुर.जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर द्वितीय ने परिवादी के बिजली मीटर की रीडिंग लेने की बजाय जेवीवीएनएल की ओर से 26,890 रुपए का औसत बिल जारी करने को सेवा दोष माना है. इसके साथ ही आयोग ने जेवीवीएनएल को आदेश दिए हैं कि वो बिल राशि 26,890 रुपए परिवाद दायर करने की तारीख से नौ प्रतिशत ब्याज सहित परिवादी को लौटाए. वहीं परिवादी को हुई परेशानी के लिए उसे 15 हजार रुपए हर्जाना भी दे. आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा व सदस्या हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश जगतपुरा निवासी विनोद मेहता के परिवाद को स्वीकार करते हुए दिया.
परिवाद में कहा गया कि उसने बिजली का घरेलू कनेक्शन ले रखा है और उसके एक हजार से सौलह सौ रुपए से ज्यादा बिजली का बिल नहीं आया. इसके बावजूद जेवीएनएल ने औसत आधार पर जुलाई 2015 का बिल 26,890 रुपए का जारी कर दिया. जब परिवादी ने विपक्षी के ऑफिस जाकर उससे दुबारा मीटर रीडिंग लेने के लिए कहा तो उसे बिजली कनेक्शन काटने की धमकी देकर बिल जमा कराने के लिए कहा. जिस पर परिवादी ने 21 जुलाई 2015 को 26,890 रुपए जमा करा दिए.