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मूक बधिर स्कूली छात्राएं सीख रहीं हैं आत्मरक्षा के गुर, ट्रेनिंग ने बढ़ाया हौंसला - judo karate training program in government school

जमाना बदल रहा है, लोग बदल रहे हैं तो इस बदलाव के दौर में बेटी भी क्यों पीछे रहे. इस बात को मुकम्मल बनाने में जयपुर के सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूक बधिर विद्यालय की बेटियां जूडो कराटे में पसीना बहाकर अपने आप को आत्मरक्षा लायक बना रही है. छात्राओं को जूडो कराटे सिखा कर हौसले के लिहाज से स्कूल प्रबंधन मजबूत बना रहा है.

judo karate training program in government school
छात्राएं सीख रहीं हैं आत्मरक्षा के गुर

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Published : Oct 15, 2022, 12:21 PM IST

Updated : Oct 15, 2022, 1:00 PM IST

जयपुर.राजधानी जयपुर के सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूक बधिर विद्यालय में छात्राओं के लिए आत्मरक्षा के लिहाज से खास तरह की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. अहम बात यह है कि छात्राओं को जूडो कराटे सिखा कर हौसले के लिहाज से स्कूल प्रबंधन मजबूत बना रहा है. परीक्षा के दौर में भी अलग वक्त पर कराटे क्लासेस का संचालन किया जा रहा है, ताकि ट्रेनिंग में कहीं कोई बाधा पैदा न हो. इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सहूलियत का पूरा ख्याल रखा है. वहीं, बच्चे भी अपने इस ट्रेनिंग प्रोग्राम से संतुष्ट नजर आ रहे हैं.

आत्मरक्षा से लेकर खेलों तक भागीदारी- जयपुर में विशेष योग्यजन के लिए संचालित किए जा रहे सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूकबधिर विद्यालय में छात्राओं को आत्म बल के लिहाज से मजबूत बनाने के इरादे से जूडो कराटे ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया गया था. धीरे-धीरे इस प्रोग्राम में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ती गई और छात्राओं के साथ-साथ अब छात्र भी खुद को इस प्रोग्राम से जोड़कर मजबूत बना रहे हैं.

मूक बधिर स्कूली छात्राएं सीख रहीं हैं आत्मरक्षा के गुर

जूडो कराटे के इस प्रोग्राम में ट्रेनर के तौर पर मौजूद सिमरन बताती हैं कि जल्द ही इन बच्चों को लेकर भी राज्य स्तर पर भी एक प्रतियोगिता शुरू करने जा रही हैं. इस पूरी कवायद का मकसद यह है कि समाज में विशेष योग्यता वाले इन बच्चों को किसी भी लिहाज से पिछड़ा नहीं समझा जाए और मुख्यधारा में आकर यह बच्चे खुद को समाज में स्थापित करने में अपनी प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल कर सकें. सिमरन ने बताया कि अब इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद खेल प्रतियोगिताओं में भी उन छात्राओं को शिरकत करवाई जाएगी, ताकि करियर में खेलों के दम पर यह छात्राएं कोई मुकाम हासिल कर सके.

छात्राएं सीख रहीं हैं आत्मरक्षा के गुर

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छात्राओं ने भी महसूस किया परिवर्तन-ईटीवी भारत की टीम जब मूकबधिर विद्यालय पहुंची तब परीक्षा के बाद छुट्टी हो चुकी थी. हॉस्टल में एक कमरे में बच्चों को खासतौर पर कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इस दौरान ट्रेनिंग में शामिल बच्चों से जब अध्यापिका के जरिए यह सवाल किया गया कि क्या वे कराटे सीखने के बाद खुद में तब्दीलियां महसूस कर रही हैं ,तो ज्यादातर छात्राओं ने बताया कि इस ट्रेनिंग के बाद उन्हें आत्म बल हासिल हुआ है.

ट्रेनिंग ने बढ़ाया हौंसला

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे बेखौफ़ अब सड़क पर जा सकती हैं, तो छात्राओं ने बताया कि उन्हें अब किसी तरह का खौफ नहीं है. जब साथ में ट्रेनिंग कर रहे लड़कों से पूछा गया कि क्या वे इस ट्रेनिंग के जरिए साथी छात्राओं और समाज में अन्य बालिकाओं के लिए मददगार बन कर आगे आएंगे ? तो छात्रों ने भी जवाब में कहा कि वे हर दम अपनी साथी छात्राओं के साथ किसी भी मुसीबत का मुकाबला करने के लिए तैयार रहेंगे.

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स्कूल प्रबंधन का सपना राष्ट्रीय स्तर पर हो नाम रोशन- आनंदीलाल पोद्दार मूक बधिर विद्यालय के प्रधानाध्यापक भारत जोशी ने बताया कि फिजिकल ट्रेनर की तरफ से शुरू की गई इस कोशिश को आगे परवान चढ़ाने में पीछे नहीं हटेंगे. उनका सपना है कि स्कूल से यह बच्चे आगे जाकर पैरा ओलंपिक तक पहुंचे. लिहाजा स्कूल प्रबंधन भी अब अलग-अलग खेलों में बच्चों के विकास की कवायद में जुटेगा. उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इन बच्चों को हर क्षेत्र में खुद का हुनर साबित करने का मौका मिलना चाहिए. आत्मरक्षा के साथ-साथ पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए यह बेहद जरूरी है.

Last Updated : Oct 15, 2022, 1:00 PM IST

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