झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड़ की वीडियो जयपुर. झोटवाड़ा को अंबाबाड़ी और सीकर रोड को जोड़ने वाली एलिवेटेड रोड के काम को अब गति दी जा रही है. 167 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले इस एलिवेटेड रोड़ की लंबाई करीब 2.4 किलोमीटर है. इसके निर्माण के बाद यहां पर रहने वाले करीब 3 लाख लोगों और 1400 कॉलोनियों को बड़ी राहत मिलेगी. यहां करीब 75 फीसदी काम पूरा हो चुका है. अब सवाल ये है कि क्या शेष 25 फ़ीसदी कार्य विधानसभा चुनाव 2023 से पहले पूरा हो पाएगा.
बीरबल की खिचड़ी बन चुका झोटवाड़ा एलिवेटेड का काम दिसंबर 2020 में पूरा होना था. बार-बार बदलती डेडलाइन के बाद अब मई 2023 की डेडलाइन भी लगभग खत्म हो चुकी है. हालांकि हाल ही में जेडीसी की कुर्सी संभालने वाले डॉ जोगाराम ने प्रोजेक्ट के रफ्तार पकड़ने की बात कही है. जेडीसी के निर्देश पर जेडीए टीम और निर्माणकर्ता एजेंसी दिन-रात काम में जुटी है. डॉ जोगाराम के अनुसार झोटवाड़ा एलिवेटेड के निर्माण से क्षेत्र में यातायात व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी. शहर वासियों को जाम से तो निजात मिलेगी ही, साथ ही समय और फ्यूल की भी बचत होगी.
जेडीए इंजीनियरों के अनुसार कालवाड़ रोड से आने वाले व्हीकल पंचायत समिति के सामने से झोटवाड़ा एलिवेटेड पर चढ़ेंगे. इसकी एक लेन सीकर के लिए चौमूं पुलिया के पास उतरेगी. जबकि बाकी दो लेन अंबाबाड़ी तिराहे से आगे पेट्रोल पंप के पास उतरेगी. वहीं सीकर रोड से झोटवाड़ा खातीपुरा और कालवाड़ की ओर जाने वाला ट्रैफिक पुरानी पुलिया से आएगा. इस पुलिया के मीडियन हटाए जाएंगे. इससे ये पुलिया करीब 13 मीटर चौड़ी हो जाएगी. वहीं खातीपुरा की ओर जाने वाले ट्रैफिक के लिए एलिवेटेड पर एक लेन का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, जबकि निवारू रोड से आने वाली रोड को एलिवेटेड से जोड़ा जा रहा है.
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निर्माण में आई थी अड़चन :झोटवाड़ा एलिवेटेड परियोजना की परिकल्पना साल 2016 में की गई थी. इस परियोजना में काफी ज्यादा संख्या में मकान-दुकान प्रभावित हो रहे थे. इससे परियोजना के क्रियान्वयन में गतिरोध भी पैदा हुआ. हालांकि प्रभावितों के साथ वार्ता कर मार्च 2018 में सम्बन्धित व्यापार मण्डलों की सहमति से दुकानों-मकानों का सर्वे का काम पूरा हो गया. परियोजना से कुल 642 मकान-दुकान मालिक प्रभावित हो रहे थे, जिन्हें आवश्यक जमीन उपलब्ध करने की योजना बनाते हुए वर्ष 2018 में परियोजना का शिलान्यास किया गया.
परियोजना से प्रभावितों के पुनर्वास के लिए अगस्त 2018 में उनके स्ट्रक्चर्स के मुआवजे का टाईटल निर्धारण और विस्थापितों के पुनर्वास के लिए पॉलिसी बनाने के लिए समिति का गठन किया गया था. गठित समिति ने लाभार्थियों के साथ विचार-विमर्श किया. उसके बाद मार्च 2020 को पुनर्वास नीति का अनुमोदन किया गया, परंतु कोविड महामारी भी एलिवेटेड रोड़ के लिए व्यवधान सावित हुई. आखिर में हितधारियों को भूखण्डों के आवंटन पत्र और पट्टे जारी करने की कार्रवाई की गई. नवम्बर 2021 को मौके पर जमीन का भौतिक कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू हुई. इसके अलावा अम्बाबाड़ी के पास स्थित फौजी कच्ची बस्ती के निवासियों को जेडीए की आनन्द लोक स्थित बीएसयूपी फ्लैट्स में पुनर्वास किया गया.
झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड़ की तस्वीर झोटवाड़ा एलिवेटेड के निर्माण में आगे क्या :वर्तमान में लगभग सभी पात्र लाभार्थियों के भूखण्डों की लॉटरी निकाली जा चुकी है और लगभग सभी को आवंटन पत्र जारी किए जा चुके हैं. मौके पर स्ट्रक्चर को हटाए जाने और जमीन पर भौतिक कब्जा लिए जाने का काम प्रगति पर है. वर्तमान में करीब 610 स्ट्रक्चर को हटाकर जमीन अधिग्रहण किया जा चुका है. शेष 32 स्ट्रक्चर को हटाए जाने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. 32 स्ट्रक्चर में से 30 स्ट्रक्चर सर्विस रोड के निर्माण के लिए जबकि 2 स्ट्रक्चर को आरओबी के निर्माण के लिए अधिग्रहण किया जाना है. वर्तमान में लगभग 400 मीटर लम्बी आरओबी का काम निवारू की तरफ से लता सर्किल और खातीपुरा की तरफ सम्पादित किया जाना शेष है. इस स्ट्रक्चर को हटाए जाने के बाद ही काम पूरा किया जाना संभावित है.