जयपुर. शहर में बस रही अवैध कॉलोनियों की वास्तविकता की जांच के लिए कमेटी बनाकर जोनवार निरीक्षण और मौका मुआयना अब किया जाएगा. इसके लिए एक खाका तैयार कर जेडीए को सौंपा जाएगा और फिर अवैध निर्माण करने वालों पर कर्रवाई की जाएगी. शहर में भवन विनियम के विरुद्ध निर्माण ना हो, इसके लिए जेडीए के प्रवर्तन शाखा को इसी साल अक्टूबर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी.
प्रवर्तन शाखा ने अवैध निर्माण या अतिक्रमण को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की. पिछले कुछ महीनों में जेडीए द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाया जा चुका है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई की जा रही है.
जीरो टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई...
जयपुर शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेटबैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन करने की सैकड़ों शिकायतों के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण ने कमर कसी है. खुद जेडीसी गौरव गोयल ने मोर्चा संभाला है और प्रवर्तन शाखा को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं. अवैध निर्माण और अतिक्रमण को जिन तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की जा रही है उसे भी समझिए.
कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने वालों पर होगी कार्रवाई...
JDA के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी की मानें तो शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्रवाई की जा रही है. अब फ्लैट्स, व्यवसायिक कांपलेक्स के अवैध निर्माणों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा रहा है. इसके अलावा अभियान के रूप में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. यही नहीं अब अगर कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाई जाती है तो संबंधित लोगों के खिलाफ राजस्थान टीनेंसी एक्ट की धारा 175 के तहत उपखंड अधिकारी के यहां खातेदारी निरस्त करने की अपील की जाती है.