जयपुर. महिला एवं बाल विकास विभाग केंद्र की तर्ज पर राज्य में महिला हेल्पलाइन नंबर लाने की तैयारी कर रहा है. विभाग ने महिला हेल्पलाइन नंबर के लिए प्रस्ताव भी बनाना शुरू कर दिया है. हाल ही में राजस्थान सरकार के बजट घोषणा में महिला बाल विकास विभाग को एक हजार करोड़ रुपए का बजट मिला है. बजट मिलने के साथ ही अब महिला हेल्प लाइन नंबर को लेकर दोबारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
केंद्र की तर्ज पर राजस्थान में भी आ सकता है महिला हेल्पलाइन नंबर आपको दे कुछ महीनों पहले भी महिला हेल्प लाइन नंबर को लेकर वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है लेकिन बजट के अभाव से प्रस्ताव को रोक दिया गया. अब बजट मिलने के साथ ही महिला हेल्पलाइन नंबर की कवायद दोबारा शुरू हो चुकी है.
अभी चल रहा 181 हेल्प लाइन नंबर-
फिलहाल केंद्र की ओर से 181 हेल्पलाइन नंबर संचालित है जिस पर सभी प्रकार की शिकायतें आती है वही उनमें से महिलाओं की शिकायतों को महिला आयोग में ट्रांसफर किया जाता है. लेकिन केंद्र की 181 हेल्पलाइन नंबर रात 8 बजे बंद हो जाती है जिससे कई बार शिकायतें पहुंच नहीं पाती है और कई बार दिन में भी महिलाओं से जुड़े छोटे मामलों का फ़ोन पर ही निपटारा कर लिया जाता है. लेकिन असल में उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है.
5 करोड़ की लागत से बन सकता है महिला हेल्पलाइन नंबर सेंटर
महिला अधिकारिता विभाग के निदेशक पवन शर्मा ने बताया कि महिला हेल्पलाइन नंबर का सेटअप राजस्थान में ही तैयार करने का प्रस्ताव है. इसके लिए अलग से नंबर लाने की बात चल रही है. पवन शर्मा ने बताया कि 5 करोड़ की लागत से नया सेटअप तैयार हो पाएगा. जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, टेलीफोन और स्टाफ शामिल होगा साथ ही इस हेल्पलाइन नंबर से 24 घंटे महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा. महिला हेल्पलाइन नंबर के लिए सरकार और वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है.