जयपुर: गुलाबी नगर (Pink City) जयपुर (Jaipur) की बढ़ती आबादी को देखते हुए जयपुर डिस्कॉम (Jaipur Vidyut Vitaran Nigam Ltd) (Jaipur Discom) शहर को अत्याधुनिक तकनीक (State Of The Art) से लैस 3 नए जीआईएस विद्युत सबस्टेशन (3 GIS Vidyut Sub Station) की सौगात देने वाला है. यह सब स्टेशन शहर की घनी आबादी वाले इलाकों में बनाए जा रहे हैं जिसका फायदा डिस्कॉम के साथ उस क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं (Consumers) को भी मिलेगा.
कम लागत में बढ़ी सौगात! जयपुर में बनेंगे नई तकनीक से लैस 3 जीआईएस सब स्टेशन, दावा- ट्रिपिंग से मिलेगी राहत - सब स्टेशन से फायदा
पिंक सिटी (Pink City) को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है. State Of The Art जीआईएस विद्युत सब स्टेशन का. 3 सबस्टेशन्स केन्द्र की IPDS Scheme के तहत बनाए जा रहे हैं.
कम जगह में बनने वाले यह सब स्टेशन भारत सरकार (Bharat Sirkar) की आईपीडीएस योजना (IPDS Scheme) के तहत बनाए जा रहे हैं. जयपुर शहर सर्किल अधीक्षण अभियंता एके त्यागी के अनुसार प्रत्येक सब स्टेशन पर करीब 8 करोड़ रुपए की लागत आएगी. पिछले दिनों ऐसे ही अत्याधुनिक तकनीक से लैस जीआईएस विद्युत सब स्टेशन जनाना अस्पताल के पास भी बनाया गया था. जिसका पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला (Energy Minister BD Kalla) ने लोकार्पण किया था. अब केंद्र सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत रामगंज, महेश नगर के पास भगवती नगर, नाहरी का नाका क्षेत्र में भी इसी तकनीक के नए सब स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं जो जल्द ही काम करना शुरू करेंगे.
सब स्टेशन से फायदा (Benefits Of Sub Station)
डिस्कॉम के जयपुर सिटी सर्किल अधीक्षण अभियंता एके त्यागी के अनुसार गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित 33KV सब स्टेशन डिजाइन होगा. ये सामान्य सब स्टेशन से 4 गुना कम जमीन पर बनाया जा सकता है. विभाग का दावा है कि इसमें ऑपरेशन का कार्य सुरक्षित होगा वहीं स्पार्किंग की स्थिति न के बराबर रहेगी. कहा जा रहा है कि नई तकनीक वाले सब स्टेशन का सबसे बड़ा फायदा बाधारहित विद्युत सप्लाई होगी और विद्युत लॉस और ट्रिपिंग से भी राहत मिलेगी. इसके अलावा फॉल्ट होने की स्थिति में आसानी से इसमें लोड शिफ्टिंग (Load Shifting) किया जा सकता है. नई तकनीक पर आधारित यह विद्युत सब स्टेशन (प्रत्येक) करीब 50 हजार की आबादी को कवर करने की क्षमता रखता है.