जयपुर.रिश्वत की राशि अपने ऑफिस के बेसमेंट में रखने के आरोप में गिरफ्तार DoIT विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव से पूछताछ में विभाग में बड़े पैमाने पर कमीशन और रिश्वतखोरी के खेल की परतें उधड़ रही हैं. एसीबी की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि विभाग में कंप्यूटर, प्रिंटर, स्टेशनरी, सीसीटीवी और अन्य उपकरणों की करोड़ों रुपए की खरीद करने वाली परचेज कमेटी का वेदप्रकाश यादव सदस्य था. वह हर टेंडर में दो फीसदी कमीशन लेता और गारंटी के साथ ठेका दिलवाता था.
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टेंडर हासिल करने वाली फर्म व ठेकेदार भी शक के दायरे मेंः ऐसे में अब पूरी परचेज कमेटी और DoIT विभाग में टेंडर हासिल करने वाली फर्म और ठेकेदार भी एसीबी के शक के घेरे में हैं. बताया जा रहा है कि परचेज कमेटी के अन्य सदस्यों से भी एसीबी की टीम पूछताछ कर सकती है. इसके साथ ही जिन कंपनियों, फार्मों और ठेकेदारों ने DoIT विभाग में टेंडर लिया है. उन पर भी एसीबी शिकंजा कस सकती है. एसीबी के सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव ने दिल्ली की एक कंपनी के अलावा चार अन्य ठेकेदारों से घूस लेने की बात कुबूल की है. उनसे पूछताछ के लिए उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा. इधर, वेदप्रकाश यादव की तीन दिन की रिमांड भी मंगलवार को खत्म हो रही है. ऐसे में उसे मंगलवार को एक बार फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा. DoIT विभाग में बड़े पैमाने पर कमीशन और घूसखोरी की संभावना के मद्देनजर कई कड़ियां जोड़ने के लिए एसीबी जॉइंट डायरेक्टर की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग भी कोर्ट से कर सकती है.